हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है. सुसाइड के दलित-गैरदलित का मामला बनने के बाद अब एनएसए अजित डोभाल को भेजी गई एक गोपनीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आत्महत्या करने वाला छात्र रोहित असल में दलित था ही नहीं.
एक गोपनीय खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला दलित नहीं था. इस रिपोर्ट के मुताबिक रोहित की दादी और उनकी मां ने खुद को वडेरा जाति का बताया था. आंध्र प्रदेश में वडेरा जाति ओबीसी श्रेणी में आती है.
अजित डोभाल को सौंपी गई रिपोर्ट
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक यह रिपोर्ट देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल के पास भेजी गई है. एजेसियों ने अपनी जांच के बाद बयान में बताया था कि रोहित की दादी राघवम्मा ने दावा किया था कि उनका बेटा (रोहित के पिता) और उनकी बहू (रोहित की मां) दोनों वडेरा समुदाय से हैं. अजित डोभाल को सौंपी गई रिपोर्ट के साथ राघवम्मा का तेलुगू में वीडियो क्लिप भी जोड़ा गया है.
जन्म पंजीकरण आवेदन में भी हुआ खुलासा
सिर्फ दादी ही नहीं बल्कि उनकी मां ने भी जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन के दौरान यही माना है कि वह गुरुजला और मंडल गांव की रहने वाली हैं. और साथ ही वह वडेरा जाति से हैं. रोहित की मां वी राधिका ने अपने छोटे बेटे राजा चैतन्य कुमार के जन्म पंजीकरण के लिए यह आवेदन भरा था. हालांकि चैतन्य कुमार का जन्म 9 जून 1990 को हुआ था लेकिन तब उनका पंजीकरण नहीं हो पाया था.
वी. राधिका ने आवेदन के लिए शपथ पत्र तेलुगू में दाखिल किया है. आईबी रिपोर्ट में इसको अंग्रेजी में अनुवाद कर सौंपा गया है. वी राधिका ने अपने अगले बयान में दावा किया है कि यदि वह इस मामले में गलत जानकारी देती हैं तो वह आईपीसी के सेक्शन 199 और 200 के तहत सजा पाने की अधिकारी होंगी.