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सामाजिक असामनता समाप्त होने तक आरक्षण जरूरी: RSS

समाज में असमानता की निंदा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को आरक्षण का समर्थन किया और कहा कि भेदभाव का शिकार लोगों को गैर-बराबरी से निकालने के लिए आरक्षण जरूरी है. हालांकि संघ ने आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति को सही नहीं बताया.

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मोहन भागवत (फाइल फोटो)
मोहन भागवत (फाइल फोटो)

समाज में असमानता की निंदा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को आरक्षण का समर्थन किया और कहा कि भेदभाव का शिकार लोगों को गैर-बराबरी से निकालने के लिए आरक्षण जरूरी है. हालांकि संघ ने आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति को सही नहीं बताया.

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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा, ‘हम आरक्षण का समर्थन करते हैं. जब तक समाज में असमानता रहेगी, आरक्षण जरूरी है. गैर-बराबरी का सामना कर रहे लोगों को समानता के दायरे में लाने के लिए हमें आरक्षण की जरूरत है. लेकिन इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि 1000 वर्षों से इन लोगों ने देश के फायदे के लिए अन्याय सहा.

भागवत ने कहा, ‘जिन वजहों से उन्होंने सहा, अब ये वजहें नहीं रहीं क्योंकि हमें स्वतंत्रता मिल गयी है. अब हमारी जिम्मेदारी उन्हें बराबरी का हक दिलाना है.’ संघ प्रमुख ने कहा कि विकास की अपेक्षा रखने वाला समाज लंबे समय तक यह नहीं होने दे सकता और आजादी के बाद समानता पाने का उद्देश्य पूरा होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहते थे कि सभी को बराबरी में लाना है तो ऊपर के लोगों को झुककर अपने हाथ वंचित लोगों तक बढ़ाने चाहिए. समारोह में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने भी मंच साझा किया.

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