संसद ने पाकिस्तानी नेशनल एसेंबली के उस प्रस्ताव को आज सर्वसम्मति से खारिज कर दिया, जिसमें भारतीय सेना और जनता के खिलाफ पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप लगाये गये हैं.
लोकसभा में अध्यक्ष मीरा कुमार और राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने पाकिस्तानी नेशनल एसेंबली के प्रस्ताव के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे दोनों ही सदनों में ध्वनिमत से मंजूर किया गया.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘पाकिस्तान या पाकिस्तान की जनता के लिए भारत खतरा नहीं है. वो आतंकी समूह क्षेत्र की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गये हैं, जिन्हें भारत को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान पाल पोस रहा है.’
इसमें कहा गया कि सदन पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई की कडी निंदा करता है और इस बात को फिर से दोहराता है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गयी भूमि सहित पूरा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा.
लोकसभा में जिस समय यह प्रस्ताव पारित हो रहा था, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और एनडीए के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी सहित सभी दलों के वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली के सदस्यों सहित किसी के मन में एकदम ये संदेह नहीं होना चाहिए कि यह पाकिस्तानी सेना ही थी, जो 6 अगस्त 2013 को बिना किसी उकसावे के नियंत्रण रेखा के हमारी ओर आकर भारतीय सेना के गश्ती दल पर हमले में शामिल थी.’
इसके अनुसार भारत नियंत्रण रेखा की गरिमा को बनाये रखता है और पाकिस्तान सरकार से मांग करता है कि वह अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा दोनों जगह 2003 के युद्धविराम की प्रतिबद्धताओं का उसकी मूल भावना से पालन करे.
प्रस्ताव में कहा गया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने बिना उकसावे के ऐसे समय हमला किया, जब दीर्घकालिक शांति, मैत्री और सहयोग का खाका बनाने के प्रयास किये जा रहे थे ताकि दोनों देश अपने संसाधनों और ऊर्जा को अपनी अपनी जनता के कल्याण कार्यों’ में लगा सकें.
संसद के दोनों सदनों में पारित इस प्रस्ताव में कहा गया कि नियंत्रण रेखा की गरिमा को बनाये रखने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और वीरता का सदन सम्मान करता है.
इसमें चेतावनी दी गयी कि हमारे संयम और हमारे राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने में हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता को हल्के में न लिया जाए.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की संसद ने मंगलवार को भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. इस प्रस्ताव में पाक की नेशनल असेंबली ने भारतीय सैनिकों पर ‘अकारण आक्रमकता’ का आरोप लगाया तथा कश्मीरी लोगों के ‘संघर्ष’ का समर्थन किया था. इसके बाद पाकिस्तान को जवाब देने की मांगें तेज हो गई थी.