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आंध्र प्रदेश विधान परिषद को खत्म करने का प्रस्ताव विधानसभा से पास

प्रस्ताव के पक्ष में 133 वोट पड़े. वोटिंग के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया. आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई. सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.

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मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पेश किया प्रस्ताव (फाइल फोटो-ANI)
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पेश किया प्रस्ताव (फाइल फोटो-ANI)

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  • कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया
  • टीडीपी के 21 विधायकों ने किया बहिष्कार

आंध्र प्रदेश विधान परिषद खत्म करने का प्रस्ताव सोमवार को विधानसभा से पास हो गया. मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव के पक्ष में 133 वोट पड़े. वोटिंग के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के विधायकों ने विधानसभा सत्र के बहिष्कार का फैसला किया.

रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने अपने विधायकों की बैठक की और तय किया गया कि टीडीपी के 21 विधायक विशेष सत्र का बहिष्कार करेंगे. इससे पहले आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई. सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.

इससे पहले, चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री जगन मोहन ने कहा कि हम सभी के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल सिर्फ विधान परिषद का भविष्य नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का भी था. इसके अलावा, यह एक लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के उचित कामकाज का सवाल था. संविधान के अनुच्छेद 164-2 के अनुसार, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाला मंत्रिमंडल सीधे विधानसभा के लिए जवाबदेह होता है क्योंकि यह लोगों द्वारा चुना जाता है.

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मुख्यमंत्री ने कहा, अगर संविधान सभा जिसने संविधान बनाया, उसे लगा होता कि विधान परिषद जरूरी है, तो सभी राज्यों के लिए इसे वैधानिक बनाया गया होता लेकिन अनुच्छेद 169 के अनुसार विधान परिषद को भंग करने का अधिकार विधानसभा पर छोड़ दिया. इससे पहले, जब साक्षरता दर बहुत कम थी, तो बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों को परिषद में नामित करने का प्रावधान किया गया.

आंध्र प्रदेश की विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 58 है. राज्य में भले ही जगन मोहन प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए हों, लेकिन विधानमंडल के उच्च सदन यानी कि विधान परिषद में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को बहुमत हासिल है. यहां पर टीडीपी के 27 विधायक हैं. जबकि वाईएसआर कांग्रेस के यहां 9 विधायक हैं.

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