केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने साहित्यकारों और वैज्ञानिकों के राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया है. आज तक से बातचीत में मेनका ने कहा कि यह कहा कि असहिष्णुता शब्द बीजेपी में आसानी से डाला जा सकता है. यह अंतरराष्ट्रीय साजिश है.
मेनका ने अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी के लोग मुझसे मिलने आए थे. शाम को मुझे पढ़ने को मिला मैंने ये बोला, मैंने वो बोला. लेकिन मैंने वैसा कुछ नहीं बोला.
PM मोदी को असहिष्णु कहना गलत
मेनका ने कहा कि कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या और दादरी की घटना का केंद्र सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. ये दोनों अलग-अलग घटनाएं हैं. इन्हें असहिष्णुता से जोड़ना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को असहिष्णु कहना गलत है.
बीफ सांप्रदायिक नहीं, आर्थिक मुद्दा
दादरी की घटना पर मेनका ने कहा कि सांप्रदायिकता से इसका कोई लेना-देना नहीं है. यूपी के हर गांव में गाय-भैंस के झगड़े हैं. मेरे अपने संसदीय क्षेत्र में ऐसा हो रहा है. केरल और पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी राज्यों में गोहत्या पर कांग्रेस पहले ही रोक लगा चुकी है. बावजूद इसके रोजाना बीफ निर्यात की खबर आती है. बीफ सांप्रदायिक नहीं, आर्थिक मुद्दा है.