भले ही दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.9 फीसद पहुंच गई, नौ फीसद की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि नौ फीसद की वृद्धि दर पर लौटना एक चुनौती बनी रहेगी.
यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक सम्मेलन के दौरान मुखर्जी ने कहा कि हमें चालू वर्ष की दूसरी छमाही में मजबूत वृद्धि दर की उम्मीद है. आगे की राह चुनौतियों से भरी है जिनमें सबसे प्रमुख चुनौती अर्थव्यवस्था को नौ फीसद की वृद्धि दर दोबारा ले जाने की है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही की वृद्धि दर भारतीय अर्थव्यवस्था की संभलने की शक्ति प्रदर्शित करती है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहन पैकेजों के बल पर ऐसा हो सका. उल्लेखनीय है कि वैश्विक आर्थिक संकट के चलते भारत की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष में घटकर 6.7 फीसद पर आ गई, जबकि इससे पूर्व लगातार तीन वषरें की आर्थिक वृद्धि दर का औसत नौ फीसद रहा. हालांकि, अर्थशास्त्रियों एवं विश्लेषकों के अनुमानों को धता बताते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.9 फीसद की वृद्धि दर हासिल की. उद्योग एवं सेवा क्षेत्र के बेहतर निष्पादन की बदौलत ऐसा हुआ. उन्होंने कहा कि प्रतिकूल मानसून जैसे कारकों को देखते हुए यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है.