12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिये देश के सामान 10 प्रतिशत वाषिर्क आर्थिक वृद्धि लक्ष्य रखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने कहा है कि यह लक्ष्य ‘महत्वाकांक्षी लगता है’ पर यह ‘असंभव’ नहीं है.
प्रधानमंत्री ने मंगलवार की शाम योजना आयोग की पूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक माहौल कठिन रहने की आशंका के चलते देश को उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लाना आसान काम नहीं होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा ‘हमारी अपनी मजबूती हमें वर्ष 2011-12 में 9 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर पहुंचने में मदद कर सकती है, लेकिन आयोग की मध्यकालिक समीक्षा में इस बात पर उचित ही जोर दिया गया है कि आर्थिक विकास के तेज गति के रास्ते पर लौटना उतना आसान नहीं होगा, जितना समझा जा रहा है.’
मनमोहन ने इससे पहले मंगलवार सुबह ढांचागत क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये केन्द्रीय मंत्रालयों के साथ साथ राज्यों को 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को पाने के लिये परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर ज्यादा ध्यान देने का आह्वान किया. योजना आयोग द्वारा आयोजित सुबह के सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने ढांचागत क्षेत्र में निवेश की व्यापक संभावनाओं का जिक्र करते हुये कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मूलभूत सुविधाओं के विकास पर ध्यान देना जरूरी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले महीनों में निर्यात में उतनी तेजी की उम्मीद नहीं है जितनी कि मंदी से पहले इसमें जोरदार तेजी दर्ज की जा रही थी. वर्ष 2008-09 में देश से 200 अरब डालर के निर्यात का लक्ष्य रखा गया था लेकिन वैश्विक आर्थिक संकट के चलते वर्ष के दौरान मात्र 185 अरब डालर का ही निर्यात हो सका था. चालू वित्त वर्ष में इसके 160 से 165 अरब डालर के बीच रहने की उम्मीद की जा रही है.