मुगल काल की ऐतिहासिक इमारत और प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले ताजमहल के प्रति लोगों की दीवानगी कम होती नजर आ रही है. दरअसल, 2014-15 में ताजमहल से अर्जित राजस्व में बीते वर्षों की तुलना में कमी आई है, जबकि इसी अवधि में इसके रखरखाव पर होने वाला खर्च बढ़ा है.
संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आगरा स्थित ताजमहल में प्रवेश शुल्क और फिल्म बनाने जैसे अन्य स्रोतों से 2014-15 में 21.78 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ, जबकि 2012-13 में अर्जित राजस्व 24.58 करोड़ रुपये और 2013-14 में 22.40 करोड़ रुपये था.
उन्होंने बताया कि ताजमहल के संरक्षण, परिरक्षण और रखरखाव पर 2014-15 में 16.24 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि इन्हीं कार्यों पर 2012-13 में 12.04 करोड़ रुपये और 2013-14 में 13.73 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
एक सवाल के लिखित जवाब में शर्मा ने बताया कि ताजमहल की संगमरमर की सतह पर वायु प्रदूषण और अन्य प्राकृतिक कारकों का दुष्प्रभाव पड़ रहा है.
-इनपुट भाषा से