कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन विवाद को लेकर पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं.
हरियाणा के गुड़गांव के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधा है.
IAS अशोक खेमका की रिपोर्ट को लेकर राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, 'मामले की जांच सीबीआई या फिर किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जानी चाहिए. अगर रॉबर्ट वाड्रा दोषी हैं तो इसके बारे में पता चलना चाहिए. क्योंकि शक के आधार पर किसी को कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता है.'
इशारों ही इशारों में पूरे वाड्रा जमीन विवाद के लिए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा, 'जब-जब चुनाव नजदीक होते हैं तभी वाड्रा लैंड डील का मुद्दा क्यों उठाया जाता है. सिर्फ एक लैंड डील ही क्यों. गुड़गांव में करीब-करीब 2100 एकड़ जमीन का लैंड यूज नियम बदला गया. अब क्षेत्र के लोगों के बीच ऐसी चर्चा है कि राज्य सरकार ने इसमें कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया. अगर लोगों की इस शंका को दूर करना है तो सीबीआई या फिर किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाना जरूरी है. ताकि पता चल सके कि सभी सौदों के लिए उचित नियमों का पालन किया गया या नहीं.'
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, 'सीबीआई जांच की मांग हो रही है. अगर किसी ने गलत काम किया है और वो दोषी पाया जाए तो सजा होनी चाहिए. चाहे वह रॉबर्ट वाड्रा क्यों ना हों. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.'
गौरतलब है कि राव इंद्रजीत को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोधी के तौर पर देखा जाता है.
IAS खेमका का दावा, वा़ड्रा ने दिए फर्जी दस्तावेज
अशोक खेमका ने हरियाणा जमीन सौदा विवाद मामले पर 100 पेज की रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने जमीन का सौदा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया था. खेमका ने दावा किया है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिये वाड्रा ने 3.5 एकड़ की जमीन से करोड़ों रुपये की कमाई की. मामला गुड़गांव के शिकोहपुर गांव की साढ़े तीन एकड़ जमीन का है. यह वही जमीन है जिसके सौदे की जांच करने के बाद आईएएस खेमका ने जमीन की रजिस्ट्री को ही रद्द कर दिया था.