क्या सरकार ने जिस तरह से अश्विनी कुमार और पवन बंसल के मामले को हैंडल किया उससे नाराज हैं प्रधानमंत्री? दरअसल, सोनिया गांधी ने कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में प्रधानमंत्री को ये नसीहत दे डाली कि दोनों मंत्रियों के मसले पर उन्हें मीडिया में स्थिति साफ करनी चाहिए. इसी के बाद सरकार और पार्टी के बीच तलवार खिंचने की अटकलें शुरू हो गई हैं.
क्या कानून मंत्री अश्विनी कुमार और रेल मंत्री पवन बंसल के मसले पर सरकार और कांग्रेस पार्टी के बीच तलवारें खिंच गई हैं? ऐसा लगता है कि मंत्रियों के बारे में लगातार उछल रहे सवालों ने सोनिया को परेशान कर डाला है. सूत्रों के मुताबिक संसद भवन में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में
- सोनिया ने पीएम को सलाह दे डाली कि सरकार इस मसले पर अपनी स्थिति साफ करे.
- सोनिया ने प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर मीडिया में अपना पक्ष रखने को कहा.
- पीएमओ के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री इसके लिए तैयार भी हो गए लेकिन 8 मई को सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ होने के बाद. बताया जाता है कि सोनिया भी इस पर राजी हो गई हैं.
गौरतलब है कि कोयला घोटाले की सीबीआई जांच की स्टेटस रिपोर्ट में छेड़छाड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी. विपक्ष अश्विनी कुमार के इस्तीफे पर अड़ा है. इस मुद्दे पर संसद में कार्यवाही ठप है. और बड़ी बात ये है कि बुधवार को इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जहां कोर्ट की कड़ी टिप्पणी सरकार को मुसीबत में डाल सकती है.
अश्विनी कुमार को इस्तीफा देने तक मजबूर होना पड़ सकता है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की पूर्व संध्या पर सोनिया गांधी के फरमान का क्या मतलब निकाला जाए?
- क्या प्रधानमंत्री जिस तरीके से अश्विनी कुमार का बचाव कर रहे हैं उससे नाराज हैं सोनिया गांधी?
- क्या सोनिया सच में नाराज है या फिर ये दिखावे की राजनीति है?
- क्या सोनिया इतनी भी ताकतवर नहीं कि वो दो मंत्रियों को नहीं हटा पा रहीं?
- क्या मनमोहन सोनिया की नहीं सुन रहे?
- या कानून मंत्री को लेकर हंगामे की वजह अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट खाद्य सुरक्षा बिल के अटकने से सोनिया का सब्र टूट गया है?
अब बीजेपी को भी लग रहा है कि सरकार भटकाने की कोशिश कर रही है. एक के बाद एक घोटालों की बरसात और ऊपर से दो फाड़ में बंटी सरकार और कांग्रेस. इस हाल में तो मुश्किलें सुलझने वाली नहीं.