आम आदमी पार्टी के टकराव वाले दो धड़ों में बात बनती नहीं नजर आ रही है. इस बाबत बुधवार को हुई वार्ता विफल होती नजर आई जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद की महत्वपूर्ण बैठक से पहले योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देने पर अड़े रहे.
AAP की NC की बैठक से पहले हलचल
सूत्रों ने कहा कि यादव और भूषण ने यह साफ कर दिया है कि उनके 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देने का कोई वैध आधार नहीं है और दूसरे धड़े को उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करना चाहिए.
केजरीवाल के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा कि केजरीवाल इस बात पर दृढ़ हैं कि दोनों को शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देना चाहिए. सामंजस्य बैठाने की जिम्मेदारी संभाल रहे पार्टी लोकपाल एडमिरल रामदास का प्रयास भी नाकाम रहा. दोनों धड़े अपने अपने रुख पर अडिग हैं. हालांकि राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य इलियास आजमी ने कहा कि गतिरोध खत्म करने के प्रयास अब भी जारी हैं. उन्होंने कहा, 'हम अंतिम मिनट तक प्रयास करते रहेंगे.'
बैठक से पहले पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास ने केजरीवाल के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की और माना जाता है कि इस दौरान उन्होंने केजरीवाल को पार्टी में एकजुटता तथा शांति बहाल करने के लिए कदम सुझाए.
यादव के एक करीबी नेता ने कहा, 'केजरीवाल झुकने के इच्छुक नहीं हैं और भूषण तथा यादव के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. यहां तक कि रामदास ने हस्तक्षेप का प्रयास किया लेकिन इससे कोई समाधान नहीं निकला.'
भूषण और यादव का समर्थन करने वालों का कहना है कि दोनों नेता केजरीवाल की मांगों के सामने नहीं झुकेंगे. पार्टी की फैसला करने वाली सर्वोच्च संस्था पीएसी में आंतरिक दरार देखने को मिली जहां ज्यादातर सदस्यों ने केजरीवाल को अपना मजबूत समर्थन दिया. पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में पार्टी से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श होने की संभावना है. बैठक से पहले केजरीवाल और यादव दोनों कार्यकर्ताओं का समर्थन जुटाने के प्रयास में लगे हैं.
इनपुट-भाषा