रीता बहुगुणा जोशी ने मायावती पर हमला बोला, लेकिन जवाब में मायावती ने कानून का जो मायाजाल बुन दिया है, उससे निकल पाना रीता बहुगुणा के लिए आसान नहीं होगा. क्योंकि अब रीता बहुगुणा को आज की रात भी जेल में ही गुजारनी पड़ेगी. मुरादाबाद में एडीशनल डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत रीता बहुगुणा जोशी की जमानत याचिका पर शनिवार को फिर सुनवाई करेगी.
रीता पर कई धाराओं के तहत मुकदमा
मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाली रीता पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. रीता के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सबसे पहली धारा है 153 जिसमें दो गुटों को भड़काने का मामला बनाया गया है, इसी में 153 ए भी जोड़ दी गई है, जिसका मतलब है- जाति, धर्म, भाषा या निवास के आधार पर बंटे दो गुटों के बीच सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास.
इसके अलावा धारा 505 की उपधारा 2 के तहत भी रीता बहुगुणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसका मतलब है दो वर्गों के बीच दुश्मनी बढ़ाना. साथ ही धारा 509 भी रीता पर लगाई गई है, जिसका मतलब है कि महिला की निजता और गरिमा को ठेस पहुंचाना. इसके अलावा सबसे बड़ा एससी-एसटी एक्ट में भी रीता बहुगुणा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, मतलब- दलितों पर अपमानजनक बयान देना.