राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में शहाबुद्दीन ने कहा है कि उसे एकांतवास में रखा गया है और उसे क्या हमेशा एकांतवास में ही रखा जाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि शहाबुद्दीन की याचिका पर गौर करें. हालांकि कोर्ट ने ये भी साफ किया कि उससे (शहाबुद्दीन) किसी को खतरा है या उस पर खतरा है, ये तय करना अदालत का काम नहीं है.
शहाबुद्दीन ने एक ऐसी ही याचिका पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट में डाली थी. पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने कहा था कि वह तिहाड़ जेल में अपने साथ किए जा रहे व्यवहार से खुश नहीं है. शहाबुद्दीन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और सीबीआई को नोटिस भेजा था. शहाबुद्दीन ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है. उसे अकेले काल-कोठरी में बंद कर दिया गया है, जहां वो किसी से बात नहीं कर सकता है. इसके अलावा शहाबुद्दीन ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए थे.
बता दें, शहाबुद्दीन पर फिलहाल 45 आपराधिक मामले चल रहे हैं. 2017 में पटना हाईकोर्ट ने उसे एसिड अटैक केस में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. सीबीआई पत्रकार राजदेव रंजन के हत्या के मामले में भी शाहबुद्दीन के खिलाफ जांच कर रही है. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन को बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.