देश में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है. बीते चार सालों में बाघों की संख्या में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हाल ही में बाघों की गिनती में इस बात का खुलासा हुआ है.
साल 2014 में देश में बाघों की संख्या बढ़कर 2,226 हो गई है. साल 2006 में बाघों 1,411 थी. बाघों की पिछली गणना 2010 में हुई थी. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई देशों ने हमसे मदद मांगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया समझ गई है कि इस प्रजाति को बचाने की जरूरत है क्योंकि यह विलुप्त हो सकती है.
जावड़ेकर ने कहा कि जो भी देश हमसे बाघ मांगेगा या बाघ संरक्षण में मदद मांगेगा, हम दोनों देने को तैयार हैं. शावक बाघ के बदले शुल्क लिए जाने की बात पर जावड़ेकर ने कहा कि ये सारे मुद्दे बाद की बात है. पांडा कूटनीति के तहत चीन अन्य देशों को कूटनीतिक उपहार के रूप में विशाल पांडा भेंट करता है.
याद रहे कि 2006 में बाघों की संख्या 1411 सामने आने के बाद सरकार और कई एनजीओ बाघों की संख्या बढ़ाने और बचाव के लिए काम करने लगी थी.