कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अपने फेसबुक कमेंट के सिलसिले में लोकसभा सचिवालय को जवाब सौंप दिया है. इसमें वाड्रा ने कहा है कि उनकी टिप्पणी एक नागरिक की पीड़ा का इजहार भर है.
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि संविधान से उन्हें अपने विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार हासिल है. वाड्रा ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर किसी नागरिक की मंशा गलत नहीं है, तो ऐसे में विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं बनता है.
अपने जवाब में उन्होंने कहा, 'मैंने केवल देश के नेतृत्व को लेकर विचार व्यक्त किए. मैंने सदन के किसी खास सदस्य के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है, ऐसे में यह विशेषाधिकार का मामला नहीं है.'
गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक के जरिए राजनीतिक नेतृत्व पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद बीजेपी सांसद ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. वाड्रा ने मोदी का नाम लिए बिना देश के नेतृत्व पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा था, 'संसद शुरू हो गई है और इसी के साथ घटिया विभाजनकारी राजनीति भी. भारत के लोग बेवकूफ नहीं हैं...'