कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि उन्हें अपने जीवन को सुधारने के लिए या आगे बढ़ने के लिए प्रियंका की जरूरत नहीं है. रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें पहले से ही बहुत धन-संपत्ति दी हुई है, इसलिए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रियंका की मदद की जरूरत नहीं है.
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वाड्रा ने दो टूक कहा कि उन्हें कितना भी परेशान किया जाए लेकिन वे भारत छोड़कर नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मौजूदा सरकार उनके बारे में क्या कहती है. वाड्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी देशविरोधी होने के लिए नहीं कहता लेकिन सबका अपना सोचने का नजरिया है, हम किसी पर अपने विचार नहीं थोप सकते.
डीएलएफ जमीन विवाद में फंसे वाड्रा ने कहा कि वो लोगों की बातों से परेशान होकर देश नहीं छोड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट समेत हरबिजनेस में लोग निराश हैं. जल्द ही सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा फूट सकता है.
Robert Vadra at the Delhi Golf Club pic.twitter.com/xddAXcxRpD
— ANI (@ANI_news) April 14, 2016
रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली के गोल्फ क्लब में दिए बयान में कहा कि वे एक संपन्न परिवार से रिश्ता रखते हैं. उन्हें फर्क नहीं पड़ता लोग उनके बारे में क्या कहते हैं या क्या लिखते हैं. रॉबर्ट ने कहा कि वह अपना सच बखूबी जानते हैं.
वाड्रा बोले-गंभीर विषयों पर लिखता हूं
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे राजनीति में हैं या फिर नहीं. जो विषय उन्हें गंभीर लगते हैं, सोशल मीडिया पर उसके बारे में वे लिखते हैं.
I did not need Priyanka to enhance my life, I think I had enough. My parents gave me enough: Robert Vadra pic.twitter.com/MuDSuzUa85
— ANI (@ANI_news) April 14, 2016
No matter if I am in politics or not, I write on what I believe are sensitive issues on social media: Robert Vadra pic.twitter.com/LznYEht0bB
— ANI (@ANI_news) April 14, 2016
फेसबुक पोस्ट को लेकर आए थे विवाद में
बता दें कि बीते साल रॉबर्ट वाड्रा अपने फेसबुक पोस्ट को लेकर विवादों में घिर गए थे. उन्होंने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. पीएम मोदी का नाम लिए बिना उन्होंने लिखा था 'संसद शुरू हो गई है और इसी के साथ घटिया विभाजनकारी राजनीति भी. भारत के लोग बेवकूफ नहीं हैं.' इसके बाद वाड्रा को लोकसभा सचिवालय में इस संबंध में जवाब सौंपना पड़ा था.