एक के बाद एक हुई दुर्घटनाओं के मद्देनजर नौसेना प्रमुख के पद से डीके जोशी के इस्तीफा देने के करीब दो माह बाद, रॉबिन के धवन ने आज इस पद का भार संभाल लिया. जोशी के इस्तीफे के बाद कार्यकारी नौसेना प्रमुख बने 59 वर्षीय एडमिरल धवन को चीफ ऑफ नेवी स्टाफ के पद पर नियुक्त किया गया है जबकि वेस्टर्न नेवल कमांडर शेखर सिन्हा उनसे वरिष्ठ हैं.
नौसेना प्रमुख के पद पर एडमिरल धवन का कार्यकाल 25 माह का होगा और वह मई 2016 में अवकाश ग्रहण करेंगे. सिन्हा वरिष्ठतम वाइस एडमिरल हैं लेकिन वह इस पद के लिए दौड़ से बाहर रहे. प्रत्यक्ष तौर पर इसका कारण नौसेना में हुई 14 दुर्घटनाएं हैं. इनमें दो बड़े पनडुब्बी हादसे भी शामिल हैं.
पिछले 10 माह में ये सभी दुर्घटनाएं वाइस एडमिरल सिन्हा की कमांड में हुईं. जोशी का कार्यकाल पूरा होने में 15 माह बाकी थे लेकिन आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी हादसे के बाद 26 फरवरी को उन्होंने नौसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी हादसे में दो नौसेना अधिकारी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे.
...तो सोनी बनते चीफ
पिछले साल अगस्त में आईएनएस सिंधुरक्षक पनडुब्बी मुंबई में नौसेना की गोदी में डूब गई थी, जिससे उस पर सवार 18 कर्मी मारे गए थे. जोशी के अचानक इस्तीफे के बाद नौसेना में उत्तराधिकार की पंक्ति प्रभावित हो गई. अगर जोशी अपने कार्यकाल के मुताबिक अगले साल अगस्त में सेवानिवृत्त होते तो सदर्न नेवल कमांडर वाइस एडमिरल सतीश सोनी अगले नौसेना प्रमुख बनते.
22वें नौसेना प्रमुख हैं धोवन
समझा जाता है कि राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के कमांडेंट वाइस एडमिरल सुनील लांबा मई 2016 में धोवन की जगह लेंगे. धवन 22वें नौसेना प्रमुख हैं. उन्होंने यह पद ऐसे समय पर संभाला है, जब नौसेना के युद्धपोत और अन्य संपत्तियां लगातार हादसों की शिकार होती रही हैं. अगस्त 2011 से नौसेना के उप प्रमुख रहे धवन को इस साल 31 मई को सेवानिवृत्त होना था.
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने नौसेना प्रमुख के पद के लिए धवन के नाम की सिफारिश की थी. उनके अलावा वेस्टर्न नेवल कमांडर सिन्हा और ईस्टर्न कमांडर अनिल चोपड़ा के नामों पर भी विचार किया गया.