सीरिया में अलकायदा के लिए काम करने व वाले एक संदिग्ध ब्रिटिश रोहिंग्या युवक को भारत में ऐसे युवाओं की भर्ती करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए भेजा गया था जो रोहिंग्या समुदाय के हित के लिए आतंकी घटनाओं को अंजाम दे सकें. नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने यह खुलासा किया है. रहमान नामक यह आतंकी भारत के मिजोरम से बांग्लादेश के चटगांव होते हुए म्यांमार जाने की तैयारी कर रहा था.
रहमान को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. एनआईए की चार्जशीट में यह आरोप लगाया गया है कि रहमान भारत में आतंकियों की भर्ती के लिए अलकायदा के प्लॉट पर काम कर रहा था. मेल टुडे को इस चार्जशीट को देखने का मौका मिला है जिसमें यह बताया गया है कि किस प्रकार रहमान लंदन से सीरिया में कुछ समय रहने के बाद भारत आया.
गौरतलब है कि म्यांमार में सेना की सख्त कार्रवाई के बाद हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को वहां से भागकर दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी है. संयुक्त राष्ट्र ने इस कार्रवाई को 'नरसंहार' तो अमेरिका ने इसे 'नस्लीय खात्मा' बताया है.
एनआईए ने रहमान द्वारा कथित रूप से भारत, बांग्लादेश, सीरिया और अन्य देशों के अलकायदा सहयोगियों से टेलीग्राम और अन्य ऐप के द्वारा की जाने वाली 536 चैट का विवरण हासिल किया है.
रहमान ने अलकायदा के सीरिया केंद्र के लिए काम किया और उसके बाद उसे बांग्लादेश भेज दिया गया. उसे भारतीय उपमहाद्वीप में अपना केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य सौंपा गया. एनआईए के मुताबिक अमेरिका और इजरायल के बाद भारत और बांग्लादेश अलकायदा के लिए शीर्ष प्राथमिकता में हैं. वह जुलाई, 2017 में पश्चिम बंगाल के बीनापोल सीमा से अवैध रूप से भारत में दाखिल हो गया. वहां से वह रांची होते हुए दिल्ली पहुंच गया.
पिछले साल सितंबर में दिल्ली पुलिस को यह खबर मिली कि राजू भाई नाम का कोई व्यक्ति आतंकी हमलों की योजना बना रहा है. यह राजू भाई असल में रहमान ही था.