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दूरदर्शन पर मोहन भागवत का भाषण लाइव प्रसारित किए जाने पर मचा बवाल, BJP ने किया बचाव

विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के संबोधन का दूरदर्शन द्वारा सीधा प्रसारण किए जाने को लेकर शुक्रवार को विवाद खड़ा हो गया. जब कांग्रेस और वाम दलों ने दूरदर्शन के 'दुरुपयोग' की कड़ी आलोचना की, लेकिन बीजेपी ने इसका बचाव किया.

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मोहन भागवत
मोहन भागवत

विजयादशमी के के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भाषण का दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण दिखाए जाने को लेकर बवाल मच गया है. कांग्रेस और वाम दलों ने दूरदर्शन के 'दुरुपयोग' की कड़ी आलोचना की है, वहीं, बीजेपी ने इसका बचाव किया.

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कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने करीब घंटे भर के इस प्रसारण को एक 'खतरनाक परंपरा' बताते हुए कहा कि आरएसएस एक विवादास्पद संगठन है. उन्होंने कहा, 'यह एक खतरनाक परंपरा है. यह कोई ऐसा संगठन नहीं है जो पूरी तरह से निष्पक्ष हो. यह एक विवादास्पद संगठन है.' उन्होंने कहा कि यह सरकार का एक राजनीतिक फैसला है.

कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं के मामले में हम आरएसएस के रिकार्ड को संदेह से परे नहीं मानते. माकपा ने कहा, 'आरएसएस इस अवसर का इस्तेमाल अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा को फैलाने के लिए करती है. राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक को आरएसएस जैसे संगठन के प्रमुख के भाषण को सीधा प्रसारित नहीं करना चाहिए था.'

सीपीआई ने भी भागवत के भाषण को सीधा प्रसारित किये जाने की निंदा की और कहा कि यह सरकारी प्रसारक का दुरुपयोग है. भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि सरकार और खासकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दूरदर्शन को आरएसएस का मुख्यपत्र बनने की इजाजत देने के लिए जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

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भागवत के भाषण के प्रसारण का बचाव करते हुए भाजपा की शाइना एन सी ने कहा कि आरएसएस एक मात्र राष्ट्रवादी संगठन है जो भारत सबसे पहले (इंडिया फर्स्ट) में विश्वास करता है और साथ ही देश को व्यक्तिगत हित से उपर मानती है. आरएसएस प्रमुख के संबोधन के सीधा प्रसारण की आलोचना करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आशंका जताई कि अब से देश सरकारी मीडिया द्वारा 'नागपुर से, नागपुर के लिए, नागपुर द्वारा' शासित होगा.

सिंघवी ने कहा, 'यह पूरी तरह से अद्भुत, चौकानेवाला, अविश्वसनीय और अभूतपूर्व है. यह अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण, सरकारी उदारता और मशीनरी का खुलेआम दुरुपयोग है. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इस तरह का कार्यक्रम सालाना मामला हो सकता है.

कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने भागवत के संबोधन के प्रसारण को खतरनाक परंपरा करार देते हुए कहा कि आरएसएस विवादास्पद धार्मिक एवं राजनीतिक संगठन है. सीधा प्रसारण की निंदा करते हुए माकपा ने कहा, 'आरएसएस इस मौके का उपयोग हिन्दुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए करती है. राष्ट्रीय प्रसारक का काम आरएसएस जैसे संगठनों के प्रमुख के भाषण को प्रसारित करने का नहीं है.'

इतिहासकार और टिप्पणीकार रामचन्द्र गुहा ने कहा कि इस 'नग्न सरकारी बहुसंख्यकवाद' का विरोध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह (सीधा प्रसारण) सरकारी मशीनरी का एक खतरनाक दुरुपयोग है. आरएसएस एक संप्रदायवादी हिन्दू इकाई है. अगली बार मस्जिद के इमाम और चर्च के पादरी कह सकते हैं कि दूरदर्शन उनके संबोधनों को सीधा प्रसारित करे.

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बीजेपी ने किया बचाव
बीजेपी ने भागवत का संबोधन दूरदर्शन पर प्रसारित करने का बचाव किया है. पार्टी नेता शायना एनसी ने कहा कि आरएसएस राष्ट्रवादी संगठन है जो ‘भारत प्रथम’ और देश का हित सर्वोपरि के विचार में विश्वास करता है. उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि भाषण को महत्व दिया गया और लोग समझते हैं कि देश में कोई कैडर जो वास्तव में देशभक्ति और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है, वह आरएसएस है.'

दूरदर्शन की सफाई
भागवत के विजयादशमी संबोधन को राष्ट्रीय प्रसारक पर प्रसारित किये जाने पर उठे विवाद के बीच दूरदर्शन ने आज कहा कि इसे अन्य समाचार कार्यक्रमों की तरह ही प्रसारित किया गया और इसके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी.

दूरदर्शन की महानिदेशक (समाचार) अर्चना दत्त ने कहा, 'यह हमारे लिये महज किसी अन्य समाचार से जुड़े कार्यक्रम की तरह ही था। इसलिए हमने इसे कवर किया.' विजयादशमी पर सरसंघचालक मोहन भागवत के करीब एक घंटे के संबोधन को दूरदर्शन पर प्रसारित किये जाने पर विवाद उत्पन्न हो गया है और कांग्रेस तथा वामदलों ने सरकार पर राष्ट्रीय प्रसारक का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

दत्त ने कहा कि इस समारोह के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी और राज्य में चुनाव को कवर करने के लिए उपयोग किये जा रहे कई डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग वैन (डीएसएनजी) में से एक का उपयोग इस समारोह के लिए किया गया. उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में हमारे कई डीएसएनजी वैन हैं और इनमें से एक वैन का उपयोग नागपुर के लिए किया गया.'

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