स्कूली बच्चों के लिए शिक्षक दिवस पर पीएम के भाषण पर बवाल बढ़ता जा रहा है. कुछ पब्लिक स्कूलों ने पीएम का भाषण लाइव दिखाए जाने पर एतराज जताया है. विवाद बढ़ने पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने मंत्रालय के सर्कुलर को सिर्फ सलाह बताया है.
दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए देश के सभी स्कूलों को एक सर्कुलर जारी किया है. ये सर्कुलर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर भाषण के विषय में है. सर्कुलर में सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री शाम 3 बजे से 4 बजकर 45 मिनट तक स्कूली बच्चों के साथ सवाल जवाब करेंगे. इसका प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों पर लाइव किया जाएगा.
मंत्रालय की वेबसाइट और दूरदर्शन के कई प्लेटफार्म्स से इसकी वेबकास्टिंग भी की जाएगी. देश भर के सभी स्कूलों को इस भाषण को बच्चों दिखाने के लिए व्यवस्था करने को कहा गया है. इसके लिए बच्चों को शाम करीब पांच बजे तक स्कूलों में रुकना होगा.
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है, 'हम अपने कार्यक्रम के मुताबिक टीचर्स डे मनाएंगे.' दिल्ली के स्कूलों ने भी इस सर्कुलर पर आपत्ति जताई है. स्कूलों को प्रिंसिपल का कहना है कि उनके पास ऐसे संसाधन नहीं हैं कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को लाइव टेलीकास्ट दिखाया जा सके. साथ ही उन्होंने भाषण के समय के हिसाब से बच्चों की परेशानी का भी हवाला दिया है.
हालांकि, स्मृति ईरानी ने कहा है कि बच्चों को स्कूलों में रोकने की बाध्यता नहीं है, बच्चे अपनी मर्जी से रुककर भाषण देख सकते हैं या फिर अपने घर जा सकते हैं.
भले ही मानव संसाधन विकास मंत्री ने इसे बच्चों की इच्छा के आधार पर छोड़ दिया हो. लेकिन फिलहाल ये सर्कुलर स्कूलों की परेशानी का सबब बना है.