शपथ ग्रहण समारोह में खर्च के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पीछे छोड़ दिया है. राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मोदी के भव्य शपथ ग्रहण समारोह में 17.60 लाख रुपये खर्च हुए.
इस भव्य समारोह में देश-विदेश के 4,017 मेहमान शामिल हुए थे. सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रपति संपदा मंडल से यह जानकारी मिली है.
इसके मुताबिक नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में टेंट, मंच, फर्नीचर और अन्य सामग्रियों पर 17.60 लाख रुपये का खर्च आया. राष्ट्रपति सचिवालय ने हालांकि इस बारे में दाखिल आरटीआई के जवाब में खर्चे की जानकारी देने से इंकार करते हुए कहा, 'सचिवालय कार्यक्रमवार ढंग से खर्चो का ब्यौरा नहीं रखता है, इसलिए सूचना प्रदान नहीं की जा सकती है.'
राष्ट्रपति सचिवालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सौरभ विजय ने आरटीआई के जवाब में कहा, 'कार्यक्रमों पर खर्च व्यय इकाई के संबंधित मद में आवंटित वार्षिक बजट से किया जाता है.' सचिवालय ने बताया, प्राप्त रिकॉर्ड के मुताबिक, 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में 4017 अतिथियों ने हिस्सा लिया. सूचना के अधिकार कानून के तहत हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में हुए खर्च और इसमें शामिल हुए अतिथियों का ब्यौरा मांगा था.
नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन प्रांगण में भव्य समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर के बाद मोदी राष्ट्रपति भवन प्रांगण में शपथ लेने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बने. शपथ ग्रहण समारोह में पडोसी देशों के शीर्ष नेता, देश के पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सिने स्टार, कॉरपोरेट घरानों के प्रमुख और धार्मिक नेता शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने जब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की
रामलीला मैदान में शपथ ली थी तो इस समारोह में 13.41 लाख
रुपये का खर्च हुआ था और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इसकी कड़ी आलोचना की थी.