1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए 3,325 लोगों के परिजनों को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी. गौरतलब है कि ये प्रस्ताव केंद्र के पास काफी समय से लंबित था. जिसे मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है. कांग्रेस ने क्यों नहीं लगाया 30 साल में मरहम
इसके अलावा सांप्रदायिक दंगा, आतंकवादी हमला या नक्सली हिंसा का शिकार हुए लोगों के परिजनों को भी अब मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये मिलेंगे. 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान खींची गई तस्वीरें
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी बयान के अनुसार, 'गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सांप्रदायिक, आतंकवादी या नक्सली हिंसा का शिकार हुए लोगों को मुआवजे की राशि तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.' 1984 के सिख विरोधी दंगे, कहां अटका है न्याय
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 से आतंकवाद, सांप्रदायिक या नक्सली हिंसा में मारे गए या स्थायी रूप से विकलांग हुए नागरिकों के परिजनों को सहायतास्वरूप केंद्रीय योजना के तहत तीन लाख रुपये की राशि मिलती रही है.