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हैदराबाद में 23 अक्टूबर से RSS का महामंथन, अमित शाह भी होंगे शामिल

संघ की इस बैठक में यूं तो साल भर के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश के साथ पांच राज्यों के चुनाव को देखते रखते हुए बीजेपी संगठन में बदलाव के कुछ संकेत मिल सकते हैं.

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23 से 25 अक्टूबर तक होगी बैठक
23 से 25 अक्टूबर तक होगी बैठक

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हैदराबाद में आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की होने जा रही बैठक में आगामी चुनाव का ब्लू प्रिंट तैयार करना सबसे अहम मुद्दा होगा. 23 से 25 अक्टूबर तक होने वाली इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर देश भर के सभी पदाधिकारी हिस्सा लेंगे. बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री राम लाल भी शामिल होंगे. इस दौरान उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर जरूरी फेरबदल पर विचार की संभावना है.

हैदराबाद में होने जा रही इस बैठक को संघ की दशहरा बैठक से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय पदाधिकारियों के प्रवास का रोडमैप बनाया जाएगा. संघ के प्रचारकों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए केरल, कर्नाटक से लेकर बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश में बालाघाट का मुद्दा भी चर्चा का विषय बन सकता है. बालाघाट में संघ के प्रचारक के साथ मारपीट की घटना के बाद जिस तरह सरकार पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव बना था, उसने अब बीजेपी और कांग्रेस को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है.

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संगठन में हो सकते हैं बड़े बदलाव
विजया दशमी के मौके पर सरसंघचालक मोहन भागवत जिस तरह सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर मचे घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व की खुलकर तारीफ कर चुके हैं और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विधानसभा चुनाव में किसी के चेहरे को सीएम इन वेटिंग घोषित नहीं करने का ऐलान कर चुके हैं. उसके बाद संघ की हैदराबाद में होने जा रही कार्यकारिणी बैठक का महत्त्व और बढ़ जाता है. संघ की इस बैठक में यूं तो साल भर के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश के साथ पांच राज्यों के चुनाव को देखते रखते हुए बीजेपी संगठन में बदलाव के कुछ संकेत मिल सकते हैं.

उठाया जा सकता है मंदिर का मुद्दा
संघ के मुख्य मुद्दों से जुड़े राम मंदिर और समान नागरिक संहिता का मुद्दा जो फिलहाल गर्माया हुआ है, उस पर भी कोई प्रस्ताव लाया जा सकता है. बीजेपी पहले ही इसे यूपी चुनाव में अपने एजेंडे पर् रखने का ऐलान कर चुकी है. मुमकिन है कि संघ इसपर अपना रुख साफ करे.

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