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पुष्कर में 7 सितंबर से RSS-बीजेपी की समन्वय बैठक, आर्थिक मुद्दों पर चर्चा संभव

भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच 7 से 9 सितंबर तक राजस्थान के पुष्कर में समन्वय बैठक होने जा रही है. संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में आरएसएस के सहयोगी संगठनों और बीजेपी नेताओं के बीच नीतिगत मुद्दों पर चर्चा होगी. 

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में होगी समन्वयक बैठक.(फोटो- IANS)
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में होगी समन्वयक बैठक.(फोटो- IANS)

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  • आरएसएस और बीजेपी के बीच होने जा रही है समन्वयक बैठक
  • सात से नौ सितंबर के बीच राजस्थान के पुष्कर में होना है आयोजन
  • संघ प्रमुख भागवत समेत बीजेपी व अन्य संगठनों के जुटेंगे पदाधिकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजस्थान के पुष्कर में 7 से 9 सितंबर तक समन्वय बैठक होगी. मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद यह पहली समन्वय बैठक होने जा रही है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित संघ के सभी प्रमुख अधिकारी व बीजेपी की टॉप लीडरशिप बैठक में हिस्सा लेगी.

इस बैठक में संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच, अखिल भारतीय शिक्षण मंडल, सेवा भारती सहित सभी 36 सहयोगी (अनुषांगिक) संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी भी भाग लेंगे. सहयोगी संगठनों को इसलिए बैठक में बुलाया जाता है ताकि वह भी बीजेपी नेताओं से संवाद कर किसी मसले पर अपनी शंकाएं दूर कर सकें या फिर जिस क्षेत्र में वह काम कर रहे हैं, उससे जुड़ी समस्याएं बीजेपी के संज्ञान मे ला सकें.

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व्यावहारिक रूप से कहें तो इस बैठक में बीजेपी अपनी परफॉर्मेंस रिपोर्ट से भी संघ को अवगत कराती है. हालांकि संघ के पदाधिकारी ऐसी किसी बात से इनकार करते हैं कि संघ बीजेपी का रिपोर्ट कार्ड लेता है. संघ पदाधिकारियों का साफ कहना है कि हम बीजेपी के काम में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करते, मार्गदर्शन अवश्य करते हैं.

संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि संघ की समन्वय बैठक में देश हित और संगठन से जुड़े विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर संवाद होता है. संवाद के दौरान तमाम महत्वपूर्ण सुझाव निकलते हैं. संघ से जुड़े सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों के दिलोदिमाग में मौजूद तमाम आशंकाओं को भी इस बैठक में दूर करने में मदद मिलती है.

समन्वय बैठक एक ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है जहां एक साथ संघ, इससे जुड़े अनुषांगिक संगठनों और बीजेपी के नेता एक दूसरे से संवाद के जरिए सवालों का समाधान करते हैं.

हर तीन महीने पर होने वाली इस बैठक के बहाने बीजेपी के नेता संघ से सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं. संघ के सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी बीजेपी से अपने उन नीतिगत मुद्दों पर आश्वासन भी लेते हैं, जो लंबित चल रहे हैं. साथ ही बीजेपी की सरकार में जो एजेंडे पूरे होते हैं, उसके स्थान पर कुछ नए एजेंडे भी सौंपे जाते हैं.

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मसलन कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संघ का बहुप्रतीक्षित एजेंडा मोदी सरकार पूरा कर चुकी है. राम मंदिर का एजेंडा अभी लंबित है. संघ ने पर्यावरण प्रकल्प भी शुरू किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सिंगल यूज पॉलिथीन के खिलाफ मुहिम का ऐलान कर चुके हैं.

बताया जा रहा है कि 7, 8 और 9 सितंबर को होने वाली इस बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष सहित कुछ केंद्रीय मंत्री भी हिस्सा लेंगे. वहीं आरएसएस में सर संघचालक मोहन भागवत के अलावा संगठन में नंबर दो सुरेश भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले व कुछ अन्य प्रचारक हिस्सा लेंगे.

पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस दौरान पूर्वोत्तर के दौरे पर रहेंगे. वह गुवाहाटी में सरकारी बैठकें लेंगे. ऐसे में समन्वय बैठक में उनके स्थान पर कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा कमान संभालेंगे.

चर्चा के केंद्र में रहेंगे आर्थिक मुद्दे

यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब देश में आर्थिक सुस्ती और मंदी की चर्चा है. आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाला आरएसएस का स्वदेशी जागरण मंच सरकार की कई नीतियों की आलोचना कर चुका है. संभावना है कि इस बैठक में संघ और बीजेपी नेताओं के बीच आर्थिक मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.

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नागपुर के संघ विचारक दिलीप देवधर बताते हैं कि सभी 36 सहयोगी संगठनों का यह ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन होता है. इसमें सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी विभिन्न मसलों पर आपसी चर्चा के जरिए समाधान तलाशने की कोशिश करते हैं.

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