अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर एक महीने पहले बलिदान के लिए तैयार रहने की बात कहने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि अब तक मंदिर नहीं तो क्या गरीबों की थाली में रोटी आ गई?
आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'आदर्श व्यक्ति की जन्मभूमि पर मंदिर बनना चाहिए बस इतनी ही बात है.' उन्होंने कहा कि मंदिर लोगों की आस्था से जुड़ा है और हर कोई चाहता है कि इसका निर्माण हो.
छात्र के सवाल पर भागवत ने दिया जवाब
मोहन भागवत पुणे में 6वें भारतीय छात्र संसद चर्चा समारोह के दूसरे दिन बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे थे. आरएसएस सरसंचालक से सवाल करते हुए एक छात्र ने कहा- क्या राम मंदिर बनने से गरीब की थाली में रोटी आएगी? इसके जवाब में भागवत ने कहा कि जब मंदिर नहीं बना तो क्या गरीबों की थाली में रोटी आ गई.
इसके अलावा छात्रों ने भागवत से देश में असहिष्णुता होने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'भावनाओं की वजह से या स्वार्थों के आधार पर बोलना गलत होगा. देश अपना सहिष्णुता पर ही आधारित है.'
एक महीने पहले भी गरजे थे भागवत
बता दें कि बीते साल दिसंबर में मोहन भागवत ने कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर भव्य मंदिर बनाना है तो बलिदान देने की तैयारी भी रखनी होगी. हालांकि उस वक्त भी उन्होंने मंदिर निर्माण के समय को लेकर कोई बयान नहीं दिया था.
कार्यक्रम में भागवत ने कहा था कि मंदिर बनना है. कब कैसे अवसर आएगा ये कोई नहीं बता सकता. कब, कैसे कितनी तैयारी रखनी पड़ेगी, आपके सामने जीवन है. जो जीवन हंसते-हंसते चल रहे हैं वो भी हैं. हमें जीवन देने की तैयारी रखनी होगी. ये करेंगे तो भव्य मंदिर बनेगा. हम भारत की भूमि से सारी पृथ्वी को शिक्षा देंगे.'