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मोहन भागवत बोले- हिंदुत्व है भारत की पहचान, तोगड़‍िया बोले- किसी भी कीमत पर बनेगा राम मंदि

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का राग छेड़ा है. भागवत ने आज कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हिंदुत्व उसकी पहचान है.

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का राग छेड़ा है. भागवत ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हिंदुत्व उसकी पहचान है. वहीं, वीएचपी प्रमुख प्रवीण तोगड़‍िया ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर जरूर बनेगा.

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रविवार को यहां वीएचपी के गोल्डन जुबली समारोह में भागवत ने कहा, 'हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है. हिंदुत्व हमारे राष्ट्र की पहचान है और यह अन्य धर्मों को खुद में समाहित कर सकता है.

हिंदुओं की बीच समानता पर जोर
वीएचपी के लक्ष्यों के बारे भागवत ने कहा, 'अगले पांच वर्षों में हमें देश में सभी हिंदुओं के बीच समानता लाने के लक्ष्य पर काम करना है. सभी हिंदुओं को एक ही स्थान पर पानी पीना चाहिए, एक ही स्थान पर प्रार्थना करना चाहिए और देहावसान के बाद उनके पार्थिव शरीरों का एक ही स्थान पर दाह संस्कार किया जाना चाहिए.'

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भागवत ने कटक में कहा था कि सभी भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान हिंदुत्व है और देश के मौजूदा निवासी इसी महान संस्कृति की संतान हैं. उन्होंने सवाल किया था कि यदि इंग्लैंड के लोग इंगलिश हैं, जर्मनी के लोग जर्मन हैं, अमेरिका के लोग अमेरिकी हैं तो हिंदुस्तान के सभी लोग हिंदू के रूप में क्यों नहीं जाने जाते.

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'राम मंदिर हमारे एजेंडे में'
रविवार को मुंबई में भागवत के साथ मौजूद वीएचपी प्रमुख प्रवीण तोगड़िया से जब राममंदिर मुद्दे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हमने किसी भी कीमत पर अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण करने का निर्णय लिया है. जब तक राममंदिर बन नहीं जाता तब तक वह हमारे एजेंडे में रहेगा.' उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान भारतीय प्रशासन द्वारा वांछित लोगों को सौंप नहीं देता तब तक उसके द्वारा उठाए गए किसी भी कदम तो शांति बहाली की दिशा में उठाया गया कदम नहीं समझा जाना चाहिए.

तोगड़‍िया ने कहा, 'पाकिस्तान सीमापर बार बार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. जब तक वह दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत के सुपुर्द नहीं कर देता और उन्हें भारत में कानूनी तरीके से उन्हें फांसी नहीं दे दी जाती, तब तक पाकिस्तान के किसी भी कदम तो शांति बहाली की दिशा में उठाया गया कदम नहीं समझा जाना चाहिए.'

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