राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत जल्द ही विदेशी मीडिया से रू-ब-रू होंगे. इस दौरान वो विदेशी मीडिया के सवालों के जवाब देंगे. साथ ही आरएसएस और इसकी विचारधारा को लेकर फैली गलतफहमी को दूर करने की कोशिश करेंगे. यह पहली बार है, जब मोहन भागवत आरएसएस को लेकर विदेशी मीडिया से बातचीत करेंगे. उनकी विदेशी मीडिया से यह बातचीत इसी महीने के आखिरी में होगी.
आरएसएस के पदाधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में विभिन्न देशों के 70 विदेशी मीडिया संस्थानों को इनविटेशन भेजा जा रहा है. हालांकि पाकिस्तानी मीडिया को नहीं बुलाया जाएगा. संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक इस मीडिया ब्रीफिंग का मकसद विभिन्न विषयों पर आरएसएस की विचारधारा पर चर्चा करना है. साथ ही आरएसएस और इसकी विचारधारा को लेकर फैली गलतधारणा को दूर करना है.
आरएसएस के एक अन्य पदाधिकारी ने यह भी बताया कि मोहन भागवत की विदेशी मीडिया को ब्रीफिंग ऑफ-कैमरा होगी और इसकी रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी. इसका मतलब यह है कि मोहन भागवत की विदेशी मीडिया से बातचीत की रिकॉर्डिंग नहीं की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक यह पहली बार है, जब आरएसएस विदेशी मीडिया के साथ ऐसी बातचीत करने जा रहा है. यह बैठक मोहन भागवत के संबोधन के साथ शुरू होगी. इसके बाद सवाल और जवाब का दौर चलेगा. संघ का प्रचार विभाग इस बैठक को लेकर तैयारी कर रहा है.
यह बैठक दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित की जाएगी. मोहन भागवत के तीन दिवसीय भाषण के एक साल बाद विदेशी मीडिया के साथ उनकी यह बैठक होने जा रही है. पिछले साल सितंबर में भागवत के भाषण हुए थे, जिसमें भारतीय मीडिया ने हिस्सा लिया था. हालांकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को काफी हद तक दूर रखा गया था.
पिछले साल मोहन भागवत ने आरएसएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाते हुए डिप्लोमैटिक कम्युनिटी के सदस्यों से मुलाकात की थी. मोहन भागवत ने इस साल जुलाई में नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर की मेजबानी की थी.