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मेरे बयान को काट-छांटकर दिखाया गया: मोहन भागवत

दिल्‍ली गैंगरेप के बाद देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के उपाय खोजे जा रहे हैं. दूसरी ओर कुछ बड़ी शख्सियतों के बयानों से बवाल मचा हुआ है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहले एक ऐसा बयान दिया, जिसपर खूब हो-हल्‍ला मचा. बाद में उन्‍होंने सफाई दी कि मीडिया में उनके बयान के महज एक हिस्‍से को ही दिनभर दिखाया गया.

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दिल्‍ली गैंगरेप के बाद देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के उपाय खोजे जा रहे हैं. दूसरी ओर कुछ बड़ी शख्सियतों के बयानों से बवाल मचा हुआ है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहले एक ऐसा बयान दिया, जिसपर खूब हो-हल्‍ला मचा. बाद में उन्‍होंने सफाई दी कि मीडिया में उनके बयान के महज एक हिस्‍से को ही दिनभर दिखाया गया.

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दरअसल, मोहन भागवत ने बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर अजीबोगरीब बयान दिया. सिल्चर में एक सभा के दौरान उन्होंने इन घटनाओं की वजह पश्चिमी सभ्यता का असर करार दिया.

मोहन भागवत का कहना था कि ये 'भारत' और 'इंडिया' का असर है. उनका कहना है कि शहरों में इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं, क्योकि वहां के लोगों पर पश्चिमी सभ्यता का असर है. भागवत के मुताबिक 'भारत' में ऐसी घटनाए नहीं होती हैं.

बाद में मोहन भागवत ने इस प्रकरण का ठीकरा एक तरह से मीडिया पर ही फोड़ दिया. उन्‍होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. साथ ही उनके बयान के एक ही हिस्‍से को हाईलाइट किया गया.

इससे पहले मोहन भागवत ने चीन को भारत के लिए खतरा बताया था. उन्होंने कहा कि भारत के चारों ओर जिस तरह चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, उससे एक बार फिर खतरा बढ़ रहा है.

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भागवत ने चीन के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश से खतरा बताते हुए कहा कि डॉ. हेगडेवार ने शुरू से चीन से भारत को खतरा बताया था, लेकिन तब उन्हें युद्धखोर बताया गया और चीन के हमले के बाद ही सरकार नींद से जागी.

सर संघचालक ने रिटेल में एफडीआई को गलत करार देते हुए कहा कि वॉलमार्ट को अमेरिका के लोगों ने खारिज कर दिया है और हमारी सरकार एफडीआई के बहाने उसे बुला रही है, जबकि स्वदेशी कंपनियों के लिए सरकार के पास कोई नीति नहीं है.

बहरहाल, बयानों की बाढ़ के बीच देश की जनता असल समस्‍या का कोई ठोस निदान चाहती है, कोरा गप नहीं.

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