देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मिली अपमानजनक हार ने बीजेपी के साथ-साथ संघ को भी मुश्किल में डाल दिया है. गुरुवार को दिल्ली स्थित संघ मुख्यालय झंडेवालान में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, तीनों सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबाले और सुरेश सोनी ने ताजा राजनैतिक हालात पर गंभीर मंत्रणा की.
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक का अहम एजेंडा अगले महीने 13-15 मार्च को नागपुर में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के मुद्दे थे, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार पर भी मंथन हुआ. इस बैठक में संघ ने सबसे पहले दिल्ली में काम कर रहे अपने स्वयंसेवकों से बीजेपी की हार पर जमीनी रिपोर्ट मांगी है तो दूसरी तरफ बैठक में से ही बीजेपी के संगठन महासचिव रामलाल को फोन कर दिल्ली विधानसभा की चुनावी हार की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
संघ यह समझना चाहता है कि आखिर बीजेपी क्या रिपोर्ट देती है और उसके स्वयंसेवकों का इस हार को लेकर क्या कहना है. हालांकि 15 फरवरी को बीजेपी और संघ की समन्वय समिति की बैठक भी होनी है जिसमें सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबाले के साथ मोदी सरकार के चार बड़े मंत्री अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज आदि शामिल होंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की शादी का रिसेप्शन समारोह होने की वजह से उनकी मौजूदगी को लेकर अभी संशय है.
समन्वय समिति की बैठक में खास तौर से दिल्ली की हार पर चर्चा होगी और उसका निचोड़ संघ प्रमुख को एक प्रारंभिक रिपोर्ट के तौर पर भेजा जाएगा. लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार ने संघ को इस कदर चिंतित कर दिया है कि उसने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में भी कारगर रणनीति बनाने का मन बना लिया है.
सूत्रों की मानें तो बैठक में साफ तौर पर यह चिंता जाहिर की गई कि चुनावी हार-जीत होती रहती है लेकिन इस तरह की अपमानजनक हार बड़ी चिंता की बात है क्योंकि इस चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ संघ ने अभी अपनी ताकत झोंक दी थी. सूत्रों का कहना है कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ इस तरह की दूरगामी कार्ययोजना पर भी विचार करेगा जिससे भविष्य में इस तरह की दुर्गति नहीं हो.