आरएसएस ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह द्वारा अपनी नयी पुस्तक में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ किए जाने को खारिज कर दिया. वहीं उनकी अपनी ही पार्टी ने पुस्तक में सिंह की ओर से की गई टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया.
जसवंत की राय पर जताया मतभेद
यद्यपि आरएसएस और बीजेपी नेताओं ने सिंह की पुस्तक ‘जिन्ना: इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेंस’ पर ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पुस्तक में वरिष्ठ नेता की ओर से व्यक्त की गई अनेक राय पर मतभेद जताया है. यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस सिंह के उस नजरिए से सहमत है कि जिन्ना को भारत में ‘शैतान’ के तौर पर पेश किया गया, तो आरएसएस नेता राम माधव ने कहा, ‘‘मैंने पुस्तक का सिर्फ एक उद्धरण पढ़ा है, लेकिन यह कहने को बाध्य हूं कि यह सचाई से परे है कि जिन्ना विभाजन के लिए जिम्मेदार नहीं थे.’’
पार्टी का स्पष्ट टिप्पणी से इनकार
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने सिंह की पुस्तक पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया कि पार्टी इस दावे से सहमत नहीं है कि जिन्ना विभाजन के लिए जिम्मेदार नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘‘सिंह की पुस्तक आज प्रकाशित हो रही है. पहले इसे प्रकाशित होने दें और तब मैं इसका जवाब दूंगा.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि बीजेपी जिन्ना पर अपने जून 2005 के प्रस्ताव पर कायम है. इसमें जिन्ना को उन महत्वपूर्ण नेताओं में से एक बताया गया था, जो भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार थे.
पहले आडवाणी ने खड़ा किया था तूफान
जून 2005 में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जिन्ना को ‘धर्मनिरपेक्ष’ बताकर राजनैतिक तूफान खड़ा कर दिया था. बाद में आडवाणी को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. माधव ने कहा, ‘‘हम सिंह के विभिन्न निष्कर्षों और खासतौर पर भारत में मुस्लिमों के संबंध में उनके निष्कर्ष से असहमत हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम यहां खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं. हमारा मानना है कि यहां तक कि भारत के ज्यादातर मुस्लिम भी इस नजरिए को नहीं मानते.’’
संदर्भ का देखा जाना जरूरी
यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस सिंह के इस नजरिए से सहमत है कि जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल विभाजन के लिए जिम्मेदार थे तो माधव ने कहा, ‘‘हमें यह देखना होगा कि वह किन संदर्भ में यह कह रहे हैं.’’ पटेल पर सिंह के बयान से बीजेपी ने भी खुद को अलग कर लिया. बीजेपी के एक सांसद ने कहा, ‘‘हम पटेल के बारे में पुस्तक में सिंह की ओर से व्यक्त की गई राय से सहमत नहीं हैं.’’ बीजेपी ने प्रांतों के एकीकरण के लिए पटेल की हमेशा सराहना की है.