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RSS के शिविर में नहीं जाएंगे रतन टाटा, व्यस्तता का दिया हवाला

टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष शिविर में शिरकत नहीं करेंगे. टाटा ने व्यस्तता का हवाला देते हुए शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित नहीं हो पाने की सूचना संघ के नागपुर मुख्यालय को दे दी है. संघ के शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी अनिरूद्ध देशपांडे ने इस संबंध में बताया कि रतन टाटा को निमंत्रण भेजा गया था. लेकिन व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने उपस्थित नहीं हो पाने के लिए सूचित कर दिया है.

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Chairman Of Tata Group Ratan Tata
Chairman Of Tata Group Ratan Tata

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टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष शिविर में शिरकत नहीं करेंगे. टाटा ने व्यस्तता का हवाला देते हुए शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित नहीं हो पाने की सूचना संघ के नागपुर मुख्यालय को दे दी है. संघ के शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी अनिरुद्ध देशपांडे ने इस संबंध में बताया कि रतन टाटा को निमंत्रण भेजा गया था. लेकिन व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने उपस्थित नहीं हो पाने के लिए सूचित कर दिया है.

देशपांडे ने बताया कि इस बार सरसंघचालक मोहन भागवत ही स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि इस वर्ग में देश भर से 828 युवा स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं. प्रशिक्षण वर्ग का समापन 16 जून की शाम रेशमबाग मैदान पर होगा. गौरतलब है कि तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग को संघ में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में स्वयंसेवकों को उम्मीद थी कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सामाजिक राजनीतिक जगत का कोई बड़ा नाम कार्यक्रम में शामिल होगा.

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कर चुके हैं शिरकत

संघ के इस आयोजन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी शिरकत कर चुके हैं. वह पिछले वर्ष के समापन समारोह में मुख्य अतिथि रहे थे. प्रणब के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर काफी हो हल्ला भी हुआ था. उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी संघ के कार्यक्रम में उनके जाने का विरोध किया था. इस बार संघ के इस वार्षिक आयोजन में कौन मुख्य अतिथि होगा, राजनीतिक गलियारों में भी इसे लेकर चर्चा थी.

भागवत से एक साल में दो बार मिले थे टाटा

प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा पिछले एक वर्ष में दो बार संघ मुख्यालय पहुंचकर सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात कर चुके हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान भी जब उद्योग जगत के लोग राजनीतिक दलों, नेताओं का समर्थन कर रहे थे, तब भी टाटा ने 17 अप्रैल को संघ मुख्यालय जाकर भागवत से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के राजनीतिक मायने तलाशे जाने लगे थे, लेकिन संघ ने इसे शिष्टाचार भेंट बता सभी कयासों पर विराम लगा दिया था.

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