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RSS नेता इंद्रेश कुमार बोले, कॉमरेड और कांग्रेस ने भड़काया बीएचयू विवाद

इंद्रेश कुमार ने कहा कि कॉमरेड और कांग्रेस लोग भारत को तोड़ने का काम करते रहते हैं. इससे पहले हैदराबाद में, उसके बाद जेएनयू में और अब बीएचयू में ये भड़काने का काम कर रहे हैं. कॉमरेड और कांग्रेस ने पिछले 70 सालों में क्या काम किया हैं ये पूरा देश जनता हैं. इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिनकी ज़मीन खिसक गई हैं वो इस मामले को राजनैतिक रूप देने में लगे हुए हैं.

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इंद्रेश कुमार
इंद्रेश कुमार

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुए विवाद पर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कॉमरेड और कांग्रेस दोनों मिलकर यूनिवर्सि‍टीज में नौजवानों को भड़काने का काम कर रहे हैं. वहीं बीएचयू के कुलपति योग्य हैं. वहां की छात्राओं का कॉमरेडों ने इस्तेमाल किया. अराजक तत्वों के कारण वे फंस गईं.

इंद्रेश कुमार ने कहा कि कॉमरेड और कांग्रेस लोग भारत को तोड़ने का काम करते रहते हैं. इससे पहले हैदराबाद में, उसके बाद जेएनयू में और अब बीएचयू में ये भड़काने का काम कर रहे हैं. कॉमरेड और कांग्रेस ने पिछले 70 सालों में क्या काम किया हैं ये पूरा देश जनता हैं. इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिनकी ज़मीन खिसक गई हैं वो इस मामले को राजनैतिक रूप देने में लगे हुए हैं.

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इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुझे भी यह सोची समझी राजनीति लगती है, क्यूंकि वहां पीएम का प्रोग्राम था. इंद्रेश कुमार ने कहा कि छात्राओं का इस्तेमाल करने वालों से कहूंगा कि नारी का सम्मान करें. उनका इस्तेमाल करने से बचें.

वीसी के बारे में इंद्रेश कुमार ने कहा कि वीसी त्रिपाठी एक देशभक्त सज्जन व्यक्ति हैं, वो सारी समस्याओं से निपटने में सक्षम हैं. देश की एकता को तोड़ने वाले 'वीसी हटाओ' का नारा लगाते हैं. बीएचयू, जेएनयू और हैदरबादा यूनिवर्सिटी में देश को तोड़ने वाले फ्रिंज एलिमेंट हैं, उनका समर्थन न करें. वहीं, उन्होंने बेटियों से अपील की है कि वे ऐसे लोगों से बचकर रहें. उनकी सावधानी से नारी का सम्मान बढ़ेगा. उन्होंने कहा, कुछ नेता बुरी दृष्टि के हैं, जो अपने फायदे के लिए छात्राओं का प्रयोग करते हैं.

रोहिंग्या शरणार्थियों के पक्ष में वरुण गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के बारे केंद्र सरकार ने जो रिपोर्ट कोर्ट में दी है, वो सबूतों के आधार पर दी है. इनके सम्बन्ध आतंकवादियों से भी हैं. ऐसे में जो भी रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन कर रहा है, उसे एक बार फिर से विचार करना चाहिए.

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