मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर चर्चा में हैं. दरअसल, इस बार मामला दूसरे मामलों से थोड़ा अलग है. आरएसएस से लंबे वक्त तक जुड़े रहे इंदर मोहन कपाही यूजीसी के नए सदस्य बनाए गए हैं. ये हैं मोदी सरकार के भगवा प्रतीक
इंदर मोहन कपाही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक शिक्षक मोर्चा के संस्थापक सदस्य रहे चुके हैं. उन्होंने पिछले साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम का जोरदार विरोध किया था. यूजीसी में अध्यक्ष वेद प्रकाश को लेकर कुल 10 सदस्य हैं.
इंदर मोहन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर दिनेश सिंह के खिलाफ गड़बड़ियों की जांच की मांग की थी. इस सिलसिले में वे स्मृति ईरानी से भी कई बार मिले थे. बाद में उन्हें यूजीसी का सदस्य बना दिया गया. कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हेंं आरएसएस से करीबी होने का फायदा मिला.
आरएसएस से निकटता के बारे में पूछे जाने पर इंदर मोहन ने कहा कि यूजीसी के सदस्य जैसे अहम पद पर नियुक्ति के लिए राजनीतिक विचारधारा का कोई मतलब नहीं है. कपाही ने कहा कि उन्हें आरएसएस में कम लोग ही जानते हैं.