विजयादशमी पर पूरे देश में फुलपैंट के पूर्ण गणवेश के भेष परिवर्तन के बाद आरएसएस की केंद्रीय कार्यकारीमंडल की पहली बैठक हैदराबाद में हो रही है. बैठक की औपचारिक शुरुआत 22 अक्टूबर को होगी. हालांकि सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी समेत आरएसएस के सभी केंद्रीय नेताओँ के बीच बैठकों का दौर हैदराबाद में बुधवार शाम से ही शुरु हो चुका है.
आरएसएस की हैदराबाद बैठक ऐसे वक्त हो रही है जबकि आरएसएस नेता कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु समेत दक्षिण के राज्यों में संघ के प्रमुख कार्यकर्ताओँ की सुनियोजित हत्याओं और लगातार हो रहे जानलेवा हमले को लेकर बेहद आहत हैं. पंजाब में भी आरएसएस के संघचालक की हत्या से लेकर मध्य प्रदेश में कई प्रचारकों के साथ मारपीट की घटनाओँ को भी संघ ने बेहद गंभीरता से लिया है. सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस के स्वयंसेवकों और प्रचारकों पर बढ़ते हमलों के बीच केंद्रीय कार्यकारीमंडल संबंधित सरकारों और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग नए सिरे से उठा सकता है.
दीपावली बैठक के नाम से मशहूर आरएसएस की ये अक्टूबर बैठक सांगठनिक फैसलों के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. आरएसएस के प्रचारकों को बीजेपी-वीएचपी समेत विविध संगठनों में नियोजित करने के ज्यादातर फैसला दीपावली बैठक में ही लिए जाते हैं. अक्टूबर 2014 में लखनऊ में हुई आरएसएस की बैठक में ही आरएसएस और बीजेपी के बीच लंबे समय से सेतु का काम कर रहे सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी ने अवकाश पर जाने का फैसला लिया था और संघ की ओर से दूसरे सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल को बीजेपी के साथ समन्वय की कमान सौंपी गई थी. बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के भी दो दिन तक शामिल होने की बात कही गई है. माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री रामलाल 23 और 24 अक्टूबर को कार्यकारीमंडल की बैठक में शामिल रह सकते हैं.
आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक, बैठक में देश भर से फुल पैंट वाली पूर्ण गणवेश पहनकर वार्षिक विजयादशमी परेड में शामिल होने वाले स्वयंसेवकों की फीडबैक पर चर्चा हो सकती है. आरएसएस नेताओं के शुरुआती आकलन के मुताबिक, देश भर में 10 लाख से ज्यादा फुल पैंट वाले पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने दशहरा ड्रिल में हिस्सा लिया. इसमें उन स्वयंसेवकों की संख्या शामिल नहीं है जो परंपरागत खाकी हाफ पैंट पहनकर पथ-संचलन में हिस्सा लेने पहुंचे. संघ की शाखाओं की तादाद पर भी बैठक में चर्चा तय है जिसमें युवा स्वयंसेवकों की शाखाओं में नए प्रयोगों को लेकर भी ग्राउंड रिपोर्ट पेश की जाएगी. संघ की ओर से युवाओं के बीच एक्सक्लूसिव शाखाओं मसलन-आईटी शाखा, मैनेजमेंट शाखा, अध्यापक शाखा, साप्ताहिक शाखा-मिलन, स्वरुचि खेल शाखा, इनडोर शाखाओं और रात्रि शाखा के जो प्रयोग शुरु किए गए हैं, उसका राज्यवार विश्लेषण बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा.
आरएसएस की हैदराबाद कार्यकारी मंडल की बैठक में यूपी, गोवा, उत्तराखंड, पंजाब समेत दूसरे राज्यों में होने वाले चुनावों में स्वयंसेवकों की भूमिका को लेकर भी खास तौर पर चर्चा तय मानी जा रही है. गोवा आरएसएस में बीजेपी के कुछ नेताओं को लेकर उठे सवाल और संघ के कुछ नेताओं की वजह से पैदा हुए सांगठनिक संकट के दोबारा पैदा न होने के मुद्दे पर भी अहम फैसले हो सकते हैं. कार्यकारीमंडल की बैठक में मोदी सरकार की ओर से सरहदी सुरक्षा और आतंकी कैंपों के खात्मे के लिहाज से लिए गए फैसलों पर आधिकारिक मुहर भी लगाए जाने के संकेत हैं.