आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' ने एक रिपोर्ट छापी है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय सेना के भीतर और बाहर कुछ ऐसे तत्व हैं, जो सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करके भ्रम फैला रहे हैं. संसाधनों की कमी से जूझती सेना की पूरी कहानी
रिपोर्ट में बताया गया है कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वाले ऐसे तत्वों का उद्देश्य गोपनीय जानकारी लीक करना या अफवाहें फैलाना होता है. सेना सीमा पर घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जो रणनीति बनाती है, कई बार उसे भी स्मार्टफोन के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करके लीक कर दिया जाता है.
रिपोर्ट में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की गई है कि सोशल प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करके कई बार सेना और सुरक्षा बलों से जुड़ी झूठी, गलत व मनगढंत बातें उछाली जाती हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है. बताया गया है कि कई जानकारियां अफवाह फैलाने के मकसद से फेसबुक और ट्विटर पर डाली जाती हैं, जो कम वक्त में ही ज्यादा लोगों तक आसानी से पहुंच रही हैं.
सबसे ज्यादा चिंता की बात तो यह है कि कई बार लोग झूठी बातों को भी सच मान लेते हैं, जो उन्हें फेसबुक और ट्विटर पर अपने जानने वालों से मिलती हैं. गौरतलब है कि सेना से जुड़ी जानकारियां लीक करने के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं.