scorecardresearch
 

RSS के मुखपत्र में छपा कांग्रेसी अभिषेक मनु सिंघवी नेता का लेख

बीजेपी का समर्थन करने वाले जर्नल 'ऑर्गनाइजर' में अभिषेक मनु सिंघवी का लेख छपा है. सिंघवी ने कहा कि अखबार वाले उनसे लगातार लेख लिखने का आग्रह कर रहे थे. आखिरकार उन्होंने इसके लिए हामी भर दी.

Advertisement
X
सिंघवी ने लेख छपने को  बताया संविधान की जीत
सिंघवी ने लेख छपने को बताया संविधान की जीत

Advertisement

RSS के मुखपत्र में कांग्रेसी नेता और पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का लेख छपने को लेकर बीजेपी को किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे 'भारतीय संविधान की जीत' बताया है.

बीजेपी का समर्थन करने वाले जर्नल 'ऑर्गनाइजर' में अभिषेक मनु सिंघवी का लेख छपा है. सिंघवी ने कहा कि अखबार वाले उनसे लगातार लेख लिखने का आग्रह कर रहे थे. आखिरकार उन्होंने इसके लिए हामी भर दी.

अभिव्यक्ति की आजादी पर लेख
कांग्रेसी नेता अभिषेन मनु सिंघवी ने जर्नल में अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अभियव्यक्ति की आजादी और देशद्रोह दो अलग-अलग बातें हैं. सिंघवी ने देश में बढ़ रहे देशद्रोह कानून के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल पर भी चेताया है.

ओवैसी का बयान शर्मनाक
हालांकि सिंघवी ने अपने लेख में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के विवादित बयानों को शर्मना बताया है लेकिन उन्होंने यह भी लिखा है कि, इस तरह के मामले भी देशद्रोह के तहत नहीं आते हैं. सिंघवी ने कहा है कि कन्हैया, उमर खालिद या बिनायक सेन और ओवैसी ने जो भी बोला वह पूरी तरह निंदा के लायक है लेकिन ये बयान उन्हें देशद्रोही नहीं बनाते हैं.

Advertisement

राष्ट्रवाद थोपा नहीं जा सकता
सिंघवी ने हाल ही में चर्चा में आए राष्ट्रवाद के विवाद पर लिखा कि 'किसी भी व्यक्ति के अंदर राष्ट्रवाद की भावना पैदा नहीं की जा सकती, राष्ट्रवाद खुद व्यक्ति के दिल में होना चाहिए. साथ ही लोकतंत्र का भी सम्मान होना चाहिए.'

Advertisement
Advertisement