राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ईसाइयों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए हाल ही समुदाय के कई नेताओं से मुलाकात की है. संघ की इस कवायद का मकसद एक दशक पहले बनाए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तरह ईसाई समुदाय के लिए एक संगठन का निर्माण करना है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अभी इस संगठन का नाम तय नहीं हुआ है, लेकिन समुदाय के साथ ‘सौहार्द’ का सेतु बनाने के लिए इसका नाम 'राष्ट्रीय ईसाई संघ' रखा जा सकता है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की स्थापना के समय से ही इसके मार्गदर्शक रहे संघ के एक प्रचारक ने बातचीत में इस कोशिश की पुष्टि की है.
संघ और विहिप नेताओं ने की शिरकत
उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिशें ईसाई समुदाय के लोगों तक पहुंच बनाने के मकसद से हो रही है. इसके लिए 17 दिसंबर 2015 को एक बैठक हुई थी. संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा, '10 से 12 राज्यों के 4-5 आर्चबिशप और 40-50 रेवरेंड बिशप से मुलाकात हुई थी और उसमें एक आंदोलन शुरू करने का फैसला हुआ.'
बताया जाता है कि 17 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित बैठक में इंद्रेश कुमार के साथ ही विश्व हिंदू परिषद के स्वामी चिन्मयानंद स्वामी भी मौजूद थे. समझा जा रहा है कि यह कवायद कहीं न कहीं बढ़ती असहिष्णुता पर शुरू हुई चर्चा और बहस को ध्यान में रखकर भी शुरू की गई है.