scorecardresearch
 

'राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं', प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर संघ ने कहा- वादा पूरा करे सरकार

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर मामले को संविधान के दायरे में सुलझाने की बात कर रहे हैं, तो वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें भारतीय जनता पार्टी का वादा याद दिला रहा है जो सरकार बनने के पहले किया गया था.

Advertisement
X
संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Advertisement

राम मंदिर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर अध्यादेश का फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा. प्रधानमंत्री के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत किया है. संघ की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि हमें प्रधानमंत्री का बयान एक सकारात्मक कदम लगता है.

संघ ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री का अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है.

संघ ने कहा है कि जनता ने उन पर विश्वास व्यक्त करते हुए बहुमत दिया. इस कार्यकाल में सरकार वह वादा पूर्ण करे, ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है.  

Advertisement

RSS के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है. प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह बीजेपी के पालमपुर अधिवेशन (1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है. इस प्रस्ताव में बीजेपी ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य कानून बनाने (Enabling Legislation) का प्रयास करेंगे.'

होसबोले ने आगे कहा, 'नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभव प्रयास करने का वादा किया. भारत की जनता ने उन पर विश्वास व्यक्त कर बीजेपी को बहुमत दिया है. इस सरकार के कार्यकाल में सरकार वह वादा पूर्ण करे ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है.'

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है, 'हम बीजेपी के घोषणापत्र में कह चुके हैं कि कानूनी प्रक्रिया के तहत राम मंदिर मसले का हल निकाला जाएगा.' उन्होंने कहा कि पहले कानून प्रक्रिया पूरी होने दीजिए, उसके बाद अध्यादेश के बारे में विचार किया जाएगा.' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि 70 साल में जितनी भी सरकारें आईं उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे को रोकने की भरपूर कोशिश की है.

Advertisement

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई के बीच आरएसएस लगातार केंद्र सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने के लिए दबाव बना रहा है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए कानून बनना चाहिए और यदि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में सभी सहयोग करते हैं तो इससे देश में भाईचारे का माहौल बनेगा.

Advertisement
Advertisement