नागपुर में आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक रविवार को खत्म हो गई. बैठक से जो संदेश निकले उससे ये साफ हो रहा है कि अयोध्या मुद्दा अब ठंडे बस्ते में जा सकता है लेकिन भूमि अधिग्रहण बिल पर आरएसएस की नजर रहेगी.
Conclave15: भू अधिग्रहण बिल से तरक्की
संघ के सरकार्यवाह की हैट्रिक बनाने के बाद भैयाजी जोशी कैमरे के सामने आए तो मोदी सरकार के लिए चंद फरमान भी थे, कुछ तारीफें भी थो कुछ हिदायतें भी. लैंड बिल पर भैयाजी जोशी ने बेहद नपे-तुले अंदाज में लक्ष्मण रेखा खींच दी. इशारों ही इशारों में कह दिया कि विधेयक के नौ संशोधन का स्वागत तो है लेकिन अगर जरूरी समझा गया तो विरोध भी होगा. भले ही कंधा भारतीय मजदर संघ का ही क्यों ना हो.
गौरतलब है कि नागपुर में संघ की प्रतिनिधि सभा का आज आखिरी दिन था. तीन दिनों तक संघ के तमाम नेताओं ने तमाम मुद्दों पर मंथन किया. बंद दरवाजे के भीतर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भाषण भी हुआ. लेकिन अगर मतलब की बात कोई दरवाजे के बाहर निकली तो वो ये कि अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर संघ को अब आंदोलन की जरूरत नहीं दिखती.
तीसरी बार सरकार्यवाह बने भैयाजी जोशी
भैयाजी जोशी को सरकार्यवाह का जिम्मा तीसरी बार मिला है. लेकिन इससे भी ज्यादा अहम बात ये है कि उनका मुकाबला नरेंद्र मोदी की पसंद समझे जाने वाले दत्तात्रेय होसबोले से था. फिलहाल तो भैयाजी जोशी उतने मुखर नहीं दिख रहे लेकिन उन्हें मिला संघ का आशीर्वाद यही बताता है कि मोदी सरकार पर नागपुर की निगाहें बनी रहेंगी.