आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चाहता है कि भारत अपनी एकता को और मजबूत कर विश्व का अगुआ बने. भक्ति शक्ति समागम के दौरान कल रात चार हजार से अधिक स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने ये बात कही.
पूर्ववर्ती सोवियत संघ (यूएसएसआर) के पतन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत को ‘वैसी महाशक्ति’ नहीं बनाना चाहता बल्कि विश्व का एक मजबूत अगुआ, गुरु बनाना चाहता है. आरएसएस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भागवत ने कहा कि संघ कोई राजनीतिक संगठन नहीं है और दैनिक राजनीतिक गतिविधियों में वह शामिल नहीं होता.
भागवत ने कहा, ‘कई अन्य योजनाओं पर काम करने वाले कुछ कार्यकर्ता राजनीति में भी शामिल हैं.’ भागवत ने कहा, ‘एकता में ताकत है और एकता के जरिए ही देश को और अधिक मजबूत बनाने पर पूरी दुनिया भारत की ओर देखेगी और सुनेगी.’ उन्होंने कहा, ‘आरएसएस यही चाहता है.’