scorecardresearch
 

रुचिका मामला: राठौड़ का इरादा नहीं साबित कर पाई सीबीआई

रुचिका छेड़छाड़ मामले में सजा पाए हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस. पी. एस. राठौड़ की वकील ने आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से कहा कि सीबीआई इस मामले में उनके मुवक्किल का इरादा साबित करने में नाकाम रही है.

Advertisement
X

Advertisement

रुचिका छेड़छाड़ मामले में सजा पाए हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस. पी. एस. राठौड़ की वकील ने आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से कहा कि सीबीआई इस मामले में उनके मुवक्किल का इरादा साबित करने में नाकाम रही है.

राठौड़ की वकील और पत्नी आभा ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा ‘‘राठौड़ पर भारतीय दंड विधान की धारा 354 के तहत आरोप लगाए गए हैं. इस अपराध में छेड़छाड़ तथा उसका इरादा साबित होना जरूरी है. सीबीआई के पास इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि राठौड़ का इरादा गलत था.’ उन्होंने कहा ‘‘जिस गैरेज में कथित अपराध हुआ, वह खुला था...उस वक्त वहां कम से कम 15 मजदूर काम कर रहे थे.’

आभा ने कहा कि जगह की प्रकृति और समय को देखकर क्या ऐसा लगता है कि उनका (राठौड़ का) रुचिका से छेड़छाड़ करने का कोई इरादा था? उन्होंने कहा कि रुचिका की दोस्त आराधना जिस अपराध की बात कह रही है वह भी साबित नहीं हुआ है.

Advertisement

आभा ने कहा ‘‘कोई व्यक्ति मेज के सामने बैठे दूसरे व्यक्ति को गले कैसे लगा सकता है.’’ उन्होंने कहा कि ज्ञापन में रुचिका के दस्तखत की जांच की जानी चाहिये. ‘‘यह धोखाधड़ी का मामला है.’’ गौरतलब है कि निचली अदालतों ने राठौड़ की उस याचिका की अनदेखी कर दी थी जिसमें कहा गया था कि रुचिका के पिता एस. सी. गिरहोत्रा ने मामले के निपटारे के लिये उससे धन मांगा था.

Advertisement
Advertisement