रुचिका गिरहोत्रा को चंडीगढ़ के एक स्कूल से निकालने की जांच कर रही टीम एक-दो दिनों में अंतिम रिपोर्ट सौंपने से पहले कुछ लोगों से पूछताछ करेगी. यह जानकारी नगर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. चंडीगढ़ के गृह सह शिक्षा सचिव रामनिवास ने कहा, ‘‘रिपोर्ट अभी मुझे नहीं मिली है.
जांच कर रही सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट प्रेरणा पुरी ने शनिवार को स्कूल की प्रिंसिपल और कुछ अन्य अधिकारियों से पूछताछ की. रिपोर्ट सौंपने से पहले वह दो-तीन और लोगों से पूछताछ कर सकती हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम रिपोर्ट मिलते ही हम इसे सार्वजनिक कर देंगे.’’ पुरी शनिवार शाम सैक्रेड हार्ट स्कूल गई थीं और उन्होंने प्रिंसिपल सिस्टर सेबास्टीना से पूछताछ की जो केरल के दौरे से वापस लौटी हैं.
रुचिका को सितंबर 1990 में कथित तौर पर स्कूल से निष्कासित करने के समय सेबास्टीना प्रिंसिपल थीं. परिवार ने आरोप लगाया है कि उसे हरियाणा के पूर्व डीजीपी एस पी एस राठौर के दबाव में स्कूल से निकाला गया. उभरती टेनिस खिलाड़ी रुचिका के साथ अगस्त 1990 में छेड़छाड़ के लिए राठौर को हाल ही में छह महीने की सजा सुनाई गई है. इसके बाद राठौर को जमानत मिल गई. घटना के तीन वर्ष बाद दिसंबर 1993 में रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी.
स्कूल ने दावा किया कि अप्रैल 1990 से छह महीने तक स्कूल फीस नहीं देने के कारण उसका नाम काटा गया था. पुरी ने छेड़छाड़ मामले में शिकायतकर्ता मधु प्रकाश से शुक्रवार को पंचकूला स्थित उनके आवास पर पूछताछ की थी और उनका एवं उनकी बेटी अराधना के बयान दर्ज किए. चंडीगढ़ प्रशासन ने रुचिका को स्कूल से कथित तौर पर निकालने के कारणों की जांच के लिए 28 दिसंबर को आदेश दिया था.
बहरहाल पंचकूला पुलिस के सूत्रों ने कहा कि वह धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत शिकायत के संबंध में अब भी कानूनी राय मिलने का इंतजार कर रहे हैं. राठौर के खिलाफ रूचिका के भाई आशु गिरहोत्रा ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है. आशु ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया गया और गलत मामलों में फंसाया गया.