सेक्रेड हार्ट स्कूल ने आज इस बात से इंकार किया कि यहां की छात्रा रुचिका गिरहोत्रा को 1990 में निकाला गया था. स्कूल का दावा है कि उसका नाम शुल्क का भुगतान नहीं होने पर पंजी से हटाया गया था. स्कूल ने छेड़छाड़ मामले में जांचकर्ताओं द्वारा मांगे गये सभी दस्तावेज मुहैया कराने पर भी सहमति जतायी.
स्कूल संचालित करने वाले चंडीगढ़ शिमला डायओसीज के प्रवक्ता फादर थॉमस ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रुचिका को कभी स्कूल से निकाला नहीं गया. 1990 में अप्रैल से सितंबर तक लगातार छह महीने तक स्कूल का शुल्क नहीं अदा करने पर उपस्थिति पंजिका से उसका नाम काटा गया था. उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि रुचिका के माता.पिता ने खुद ही उसका नाम वापस ले लिया हो. हम जांच में सहयोग भी कर रहे हैं और उनके द्वारा मांगे गये सभी दस्तावेज उपलब्ध होने की स्थिति में मुहैया कराने को तैयार हैं क्योंकि ये दस्तावेज 19 साल पुराने हैं.
इससे पहले रुचिका के पिता एससी गिरहोत्रा ने आरोप लगाया था कि पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ ने रुचिका को स्कूल से निकालने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. गिरहोत्रा ने कहा कि राठौड़ ने अवैध तरीके से रुचिका को स्कूल से निकालने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. मेरी बेटी ने नर्सरी कक्षा में प्रवेश लिया था और 13 साल तक वहां पढ़ाई की.