रूस के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र स्मोलेंस्क में रूसी वायुयातायात अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद गहरे कोहरे में उतरते समय विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार पोलैण्ड के राष्ट्रपति लेक कैचजिंस्की और उनकी पत्नी सहित 132 लोगों की मौत हो गई.
रूस के आपदा मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति का विशेष ‘टीयू-154’ विमान स्थानीय समयानुसार 11 बजे रात (भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े 12 बजे) रनवे से लगभग 300 मीटर दूर घने कोहरे में पेड़ की शाखाओं से टकराने के बाद अनेक हिस्सों में टूट कर बिखर गया. कैचजिंस्की अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ कातिन स्मृति समारोह में भाग लेने उस स्थल पर जा रहे थे जहां द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत नेता जोसेफ स्तालिन के आदेश पर पोलैण्ड के 22000 सेना अधिकारियों को सजा ए मौत दी गई थी.
स्मोलेन्स्क के गवर्नर सरजेइ अंतुफिएव ने रूसी समाचार टेलीविजन को बताया कि विमान पेड़ों की उपरी शाखाओं से टकराया, नीचे गिरा और टुकड़ों में बिखर गया. अंतुफिएव ने दुर्घटना में मारे गए लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि दुर्घटना में कोई जिंदा नहीं बचा.
रूसी वायुसीमा निगरानी सेवा के अनुसार हवाई अड्डे पर खराब मौसम के चलते विमान चालक को बेलारूस की राजधानी मिंस्क में या रूसी राजधानी मास्को में उतरने का निर्देश दिया गया था लेकिन राष्ट्रपति के विशेष विमान के कमांडर ने वहां छोड़ कर किसी अन्य जगह पर उतरने से इनकार कर दिया. विमान ने उतरने के चार प्रयास किए. चौथे प्रयास में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
उधर वारसा में पोलैण्ड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीटर पाश्कोओस्की ने इन रिपोटरें की पुष्टि की कि दुर्घटनाग्रस्त हुए टीयू-154 विमान में राष्ट्रपति कैचजिंस्की भी सवार थे. उन्होंने बताया कि पोलैंड के विदेश उपमंत्री आंद्रेज क्रेमर, सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल फ्रांसिसजेक गेगोर और राष्ट्रीय बैंक के अध्यक्ष स्लॉमीर स्क्रीपेक भी विमान पर सवार थे.