यूक्रेन पर रूस के कब्जे की जंग तेज हो गई है. राजधानी कीव में रूसी सेना लगातार हमला कर रही है और दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है. इसी दौरान यूक्रेन के खारखीव में गोली लगने से भारतीय छात्र की मौत हो गई. अभी भी ऐसे कई छात्र हैं जो यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं. ऐसे में यूक्रेन में रहने वाले यूपी के भी छात्रों का अपने परिवार से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
यूक्रेन में फंसे मेरठ के छात्र अजीम का बीते तीन दिनों से अपने परिवार से संपर्क नहीं हो पा रहा है जिससे उसके माता-पिता बेहद परेशान हैं. मेरठ के हूमायूं नगर के रहने वाले आईए खान के बेटे अजीम इवानो (यूक्रेन) में एमबीबीएस के पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि यूक्रेन में हालात बिगड़ने पर अजीम 25 फरवरी की रात रोमानिया यूक्रेन बॉर्डर तक किसी तरह पहुंचा था और उसके बाद से ही बेटे से संपर्क टूट गया है. उन्होंने कहा, न बात हो रही है, न उसकी शक्ल दिख रही है. उसके दोस्तों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है.
बता दें कि अजीम की छोटी बहन आयशा लखनऊ से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है, भाई से संपर्क टूटने के बाद आयशा खुद को रोक नहीं सकी और मेरठ अपने घर चली आई. पूरा परिवार अपने बेटे की सलामती के लिए दुआ कर रहा है.
बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे की लड़ाई शुरू होने के बाद विदेश मंत्रालय ने भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द वहां से निकलन जाने की एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि छात्र वहां से निकलकर ट्रेन या फिर अन्य किसी भी माध्यम से सुरक्षित ठिकानों पर चले जाएं.
राजस्थान के भी तीन छात्रों ने लगाई मदद की गुहार
रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद वहां हालात बेहद खराब हो गए हैं. ऐसे में राजस्थान के धौलपुर जिले के तीन मेडिकल के छात्र यूक्रेन के बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर उन्होंने सरकार और मीडिया से मदद की गुहार लगाई है.
धौलपुर शहर के जिरौली मौहल्ले के रहने वाले तीन छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन अचानक युद्ध शुरू हो जाने के बाद वो वहां फंस गए. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में छात्र शिवपाल सिंह ने कहा कि यूक्रेन में लगातार बम धमाके हो रहे हैं. सभी छात्र खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं
भूखे प्यासे इन छात्रों को यूक्रेन सरकार ने बॉर्डर पर छोड़ दिया है. भारतीय छात्रों ने कहा कि स्थानीय सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की मदद उन्हें मुहैया नहीं कराई गई है. छात्र हर्ष चौधरी ने भी मदद की गुहार लगाई है.
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