पिछले हफ्ते एक रूसी विमान कंपनी एयरोफ्लोट ने चार कश्मीरी युवकों को उस वक्त विमान पर सवार नहीं होने दिया, जब वे दिल्ली से तुर्की के लिए रवाना होने वाले थे. खास बात यह कि विमानन कंपनी ने इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया. पीड़ित युवकों ने मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय से इस बाबत शिकायत की है.
दूसरी ओर, इस पूरे मामले में प्रतिक्रिया देते हुए नागर विमानन मंत्रालय ने एयरोफ्लोट की कार्रवाई को गड़बड़ करार दिया है. शिकायत करने वाले युवकों में शामिल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र मोहम्मद इकबाल ने बताया, 'हम गुरुवार को 1:30 बजे रात में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे. फ्लाइट नंबर SU 233 के लिए हम एयरलाइन काउंटर पर गए. एक अधिकारी ने बताया कि हम उनके विमान से इस्तांबुल नहीं जा सकते. जब हमने उनसे कारण पूछा तो उन्होंने कुछ नहीं बताया.'
इकबाल ने बताया कि बाद में अधिकारी ने अपने कुछ साथियों से कहा कि वह हमें टर्मिनल बिल्डिंग से बाहर कर दे. सही वीजा, टिकट और दूसरे जरूरी कागजात होने के बावजूद हमें अपमानित किया गया.
कोई आधिकारिक बयान नहीं
इकबाल अपने तीन साथियों के साथ तुर्की में 'इस्लाम में सामाजिक न्याय की अवधारणा' विषय पर आयोजित नौ दिवसीय कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने जा रहे थे.
दूसरी ओर, इस पूरे मामले में एयरोफ्लोट विमान कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट पर तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन ने छात्रों को सफर करने से इसलिए रोका कि उन्हें छात्रों के पहचान पत्र और दस्तावेजों को लेकर आशंका थी.