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नए विदेश सचिव जयशंकर ने संभाला पदभार, बोले, 'सरकार की प्राथमिकता ही मेरी प्राथमिकता'

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को वतन लौटे अभी दो दिन भी नहीं हुए थे कि विदेश मंत्रालय में बड़ा फेरबदल हो गया है. दो दिन पहले हैदराबाद हाउस में मोदी-ओबामा के साझा बयान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधि‍त करने वाली सुजाता सिंह को बुधवार को विदेश सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया गया. एस. जयशंकर को सरकार ने नया विदेश सचिव नियुक्त कर दिया है.

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सुजाता सिंह और एस. जयशंकर
सुजाता सिंह और एस. जयशंकर

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को वतन लौटे अभी दो दिन भी नहीं हुए थे कि विदेश मंत्रालय में बड़ा फेरबदल हो गया. दो दिन पहले हैदराबाद हाउस में मोदी-ओबामा के साझा बयान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधि‍त करने वाली सुजाता सिंह को बुधवार को विदेश सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया गया. एस. जयशंकर को सरकार ने नया विदेश सचिव नियुक्त कर दिया है.

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नए विदेश सचिव डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक पहुंचकर पदभार संभाल लिया. उन्होंने कहा कि वह नई जिम्मेदारी दिए जाने से सम्मानित महसूस कर रहे हैं और सरकार की प्राथमिकताएं ही उनकी प्राथमिकताएं हैं. जयशंकर गुरुवार को ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे. जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि क्या यह फैसला उनके लिए आश्चर्य लेकर आया, उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह इस तरह के सवालों में पड़ने का वक्त है.'

चौंकाने वाली है सुजाता के इस्तीफे की खबर
जानकारी के मुताबिक, विदेश सचिव के तौर पर सुजाता सिंह के कार्यकाल को एक साल का विस्तार मिला था, लेकिन इस बीच उनके इस्तीफे की खबर ने सबको चौंका दिया है. सुजाता ने इस्तीफा क्यों दिया, इस बाबत कोई स्पष्ट कारण पता नहीं चला है, लेकिन मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब केंद्र सरकार ने उनकी जगह अमेरिका में भारत के राजदूत एस. जयशंकर को तत्काल नया विदेश सचिव नियुक्त किया. सुजाता सिंह को जुलाई महीने तक सेवा विस्तार दिया गया था.

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नए विदेश सचिव की खबर पाते ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है. उमर ने लिखा है, 'खबरों के मुताबिक, एस. जयशंकर नए विदेश सचिव बनाए गए हैं. अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार का यह एक बेहतरीन निर्णय है. एस. जयशंकर बहुत अच्छे विदेश सचिव साबित होंगे.'


बताया जा रहा है कि एस. जयशंकर गुरुवार को ही पदभार संभालेंगे. सुजाता सिंह 1976 बैच की आईएएस हैं. जबकि एस. जयशंकर अमेरिका से पहले चीन में भी भारत के राजदूत रह चुके हैं. हाल ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा में भी जयशंकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसे में नरेंद्र मोदी चाहते थे कि जयशंकर साउथ ब्लॉक में किसी खास पद पर आसीन हों.

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