सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं है कि केरल सरकार ने मंदिर दर्शन की अगली तैयारी शुरू कर दी है. नवंबर में मंदिर का त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है. 16 नवंबर से 27 दिसंबर तक मंदिर में भव्य पूजा-पाठ का आयोजन होगा. इस दौरान होने वाली पूजा को मांडला पूजा कहते हैं. इसके लिए मंदिर के कपाट फिर खुलेंगे. सबरीमाला मंदिर पहु्ंचने वाले लोगों की परेशानी कम करने और भीड़ के प्रबंधन के लिए केरल सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल www.sabrimalaq.com शुरू किया है जहां श्रद्धालु दर्शन के लिए टिकट बुक कर सकते हैं.
श्रद्धालु निलक्कल से पंबा तक का टिकट और शनिधाम में दर्शन की ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं. वापस निलक्कल लौटने की बुकिंग भी इसमें शामिल है. पंबा सबरीमाला मंदिर का बेस कैंप है. केरल में बाढ़ और लैंडस्लाइड का सबसे ज्यादा असर इसी इलाके में हुआ था. इसलिए पंबा अभी पूरी तरह श्रद्धालुओं के तैयार नहीं है लेकिन काम तेजी से चल रहा है. पंबा में कुदरत के कहर को देखते हुए सरकार ने सबरीमाला का बेस कैंप वहां से 18 किलोमीटर दूर निलक्कल शिफ्ट कर दिया है. निजी गाड़ियों को निलक्कल से आगे जाने की इजाजत नहीं है लेकिन लोगों को सुविधा देने के लिए केरल परिवहन ने निलक्कल से पंबा तक बस सेवा शुरू की है.
मध्य नवंबर से अंत दिसंबर तक सबरीमाला मंदिर में त्योहारी सीजन चलता है. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन करने आते हैं. अपार भीड़ के चलते मंदिर प्रबंधन और पुलिस को स्थिति संभालने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इससे बचने के लिए सरकार ने इस साल वेब पोर्टल शुरू किया है. यह सुविधा ठीक वैसी है जैसी पिछले साल तक 'वर्चुअल क्यू' के रूप में मिला करती थी.
वेब पोर्टल के माध्यम से श्रद्धालु अब एक ही टिकट पर सबरीमाला आने-जाने का प्लान बना सकते हैं. यह खास तरह का पोर्टल अयप्पा के दर्शनार्थियों को यह भी बताएगा कि कौन सा वक्त दर्शन के लिए खाली है और कब-कब कितने लोग मंदिर के गर्भ गृह में पहुंच रहे हैं. दर्शन के समय के मुताबिक श्रद्धालु निलक्कल से पंबा जाने और वहां से लौटने की योजना बना सकते हैं. प्रत्येक टिकट 48 घंटे के लिए वैध होगा. इसका अर्थ है कि हर श्रद्धालु को 48 घंटे के अंदर सबरीमाला मंदिर पहुंचना होगा और वापस निलक्कल लौटना होगा.
इस पोर्टल के माध्यम से पुलिस सबरीमाला मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं को भी ट्रैक कर सकेगी. भीड़ की स्थिति ठीक से जानी जा सकेगी और प्रबंधन का इंतजाम किया जा सकेगा.