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सबरीमाला मंदिर: धारा 144 के खिलाफ सड़कों पर उतरे श्रद्धालु, 28 हिरासत में

पुलिस खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई कर रही है. पंबा और सबरीमाला मंदिर के आसपास विरोध प्रदर्शन हिंसक न हो, इसके लिए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.

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सबरीमाला मंदिर की फाइल फोटो (इंडिया टुडे आर्काइव)
सबरीमाला मंदिर की फाइल फोटो (इंडिया टुडे आर्काइव)

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सबरीमाला में फिर विरोध प्रदर्शन भड़कने की खबर है. पुलिस की पाबंदियों के कारण सैकड़ों गुस्साए श्रद्धालु सड़कों पर उतर आए हैं. घटना रविवार देर रात की है जिसमें नडपंथल के सन्नीधानम इलाके में भगवान अयप्पा के श्रद्धालु स्थानीय पुलिस और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शन में कोई हिंसक घटना न हो, इसके लिए पुलिस ने 28 लोगों को हिरासत में ले लिया है.

सबरीमाला में पूर्व की हिंसक घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने सन्नीधानम में श्रद्धालुओं के खिलाफ कई कड़ी पाबंदियां लगाई हैं. नए प्रबंध के मुताबिक अब श्रद्धालु रात में सबरीमाला में नहीं रुक पाएंगे. दो महीने लगातार चलने वाली इस पूजन अवधि के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को पुलिस ने सन्नीधानम से बाहर जाने का निर्देश दिया. इस पर श्रद्धालु भड़क गए और मंदिर के बाहर अहातेमें जमा हो गए.

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सबरीमाला के एसपी प्रतीश कुमार ने पूरे वाकये के बारे में बताते हुए कहा, 'पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. हरिवर्षनम् के बाद पुलिस ने लोगों से बाहर जाने को कहा लेकिन अधिकांश लोगों ने इसका विरोध किया.' धारा 144 या निषेधाज्ञा के तहत एक जगह पर चार से ज्यादा लोगों के जुटने पर पाबंदी होती है. एसपी ने कहा कि पुलिस ने श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा करने से कभी मना नहीं किया.

एसपी प्रतीश कुमार ने कहा, 'जिन्हें नेयअभिषेकम् (भगवान अयप्पा का घी से अभिषेक) करना है, वे सबरीमाला में रुक सकते हैं. श्रद्धालु पूजा भी कर सकते हैं. हम इसके खिलाफ नहीं हैं बल्कि पुलिस पूजा के लिए आए लोगों की मदद करेगी.'

विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पंबा थाने पहुंची. पंबा सबरीमाला मंदिर से 3.5 किलोमीटर दूर है. सूत्रों का कहना है कि पुलिस को खुफिया सूचना मिली है कि कुछ प्रदर्शनकारी सबरीमाला मंदिर में हिंसा भड़का सकते हैं. इसलिए पुलिस ने एहतियात बरतते हुए श्रद्धालुओं को हिरासत में लेना शुरू किया है.

विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रदर्शनकारियों का भी अपना अलग मत है. सन्नीधानम पहुंच एक श्रद्धालु राजेश ने कहा, 'हम लोग भगवान अयप्पा के भक्त हैं लेकिन पुलिस ने हमें पूजा करने से मना कर दिया. यह कहते हुए कि पूरे इलाके में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू है.' राजेश ने कहा कि पूजा के नाम पर गिरफ्तार होने में वे कोई बुराई नहीं देखते और मंदिर में पूजा करेंगे.

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इससे पहले शनिवार को एक हिंदू समूह ने कुछ धार्मिक नेताओं को हिरासत में लेने के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया था. शुक्रवार रात को हिरासत में लिए गए प्रमुख लोगों में हिंदू ऐक्यवेदी (एचआई) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता के.पी. शशिकला शामिल थीं. भगवान अयप्पा के मंदिर की ओर बढ़ते समय शशिकला को हिरासत में ले लिया गया.

शशिकला को पुलिस ने मंदिर के पास रोक लिया और उन्हें आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा गया क्योंकि मंदिर उनसे रात 10 बजे बंद हो गया था लेकिन शशिकला ने ऐसा करने से मना कर दिया. उन्हें निवारक हिरासत में ले लिया गया और रन्नी पुलिस थाने में रखा गया.

अपनी अध्यक्ष को हिरासत में लेने का विरोध करते हुए हिंदू ऐक्यवेदी के नेताओं ने बंद का आह्वान किया था, जिसे बीजेपी की प्रदेश इकाई का भी समर्थन हासिल है. हिंदू ऐक्यवादी, बीजेपी और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करा दिए. प्राइवेट गाड़ियों को छोड़कर अन्य सभी सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे. स्कूल और शैक्षणिक संस्थान भी बंद कर दिए गए.

(IANS से इनपुट)

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