सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 2 महिलाओं के प्रवेश करने के बाद से बवाल मचा हुआ है. इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और हिन्दूवादी संगठनों ने केरल में विरोध मार्च निकाला और हिंसक प्रदर्शन किए. इस बीच बीजेपी के नेताओं के भी विवादित बयान सामने आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि केरल सरकार पूरी तरह से विफल हुई है. यह घटना हिंदुओं का दिनदहाड़े रेप है.
वहीं, बुधवार को बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों के विरोध प्रदर्शन और हिंसा के चलते राज्य सचिवालय संघर्ष स्थल में तब्दील हो गया. सत्तारूढ़ माकपा और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. उन्होंने एक दूसरे पर पत्थर फेंके. पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा. केरल के कोझिकोड में विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया और सड़क के किनारे खड़े लोगों पर भी हमले किए गए.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें प्रदर्शनकारी मीडियाकर्मियों को धमकाते नजर आ रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन के चलते कोयंबटूर और कन्याकुमारी के बीच बस सेवा भी बाधित हुई. इसके अलावा इलाके की दुकानें और बाजार बंद करा दिए गए. इसके अलावा मल्लपुरम में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का पुतला फूंका गया और जब भाजपा की महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री के कार्यालय के पास जबरदस्ती करने की कोशिश की, तो 4 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
बुधवार तड़के 2 महिलाओं ने मंदिर में किया प्रवेश#WATCH Union Minister Ananth Kumar Hegde on #Sabarimala row says, "Kerala govt entirely failed. It’s totally daylight rape on Hindu people." pic.twitter.com/brKdVApSZ8
— ANI (@ANI) January 2, 2019
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 वर्ष से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी. इसके तीन महीने बाद बुधवार तड़के 3 बजकर 38 मिनट पर काले रंग के परिधान पहने और चेहरों को ढककर कनकदुर्गा (44 वर्ष) और बिंदू (42 वर्ष) नाम की दो महिलाओं ने पुलिस की निगरानी वाले पवित्र सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था. इसके साथ ही सबरीमला मंदिर में प्रवेश की सदियों पुरानी परंपरा टूट गई.
महिलाओं ने 620 किमी लंबी बनाई थी मानव श्रृंखला
इससे एक ही दिन पहले केरल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर करीब 35 लाख महिलाएं लैंगिक समानता बरकरार रखने की सरकारी पहल के तहत कासरगोड के उत्तरी छोर से तिरूवनंतपुरम के दक्षिणी छोर तक 620 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुईं थीं. महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की खबर आग की तरह फैल गई और कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए. हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने राजमार्गों को बाधित किया, जिसके कारण दुकानें और बाजार बंद करने पड़े. पुलिस ने कहा कि कई स्थानों पर सत्तारूढ़ माकपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई. जिससे तनाव पैदा हो गया.
हिंसा में बसों को नुकसान, कई पुलिसकर्मी घायल
पथनमतित्ता जिले के कोन्नी और कोझेनचेरी में सरकारी केएसआरटीसी बसों को नुकसान पहुंचाया गया. मंदिर इसी जिले में स्थित है. पूरे राज्य में मंदिरों से जुड़े देवस्वोम बोर्ड के कार्यालयों को बंद कर दिया गया. हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. अधिकारियों ने कहा कि सचिवालय के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया. विभिन्न हिन्दूवादी संगठनों के मुख्य समूह ‘सबरीमाला कर्म समिति’ और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने बृहस्पतिवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया.
उधर, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने कहा कि वह ‘काला दिवस’ मनाएगी. केरल में बार-बार के बंद से परेशान कुछ कारोबारी संगठनों ने बंद का आह्वान न मानने और अपने प्रतिष्ठानों को खुला रखने का फैसला किया है.